पाकिस्तान में ऐतिहासिक जैन मंदिर ढहाया, जैन समुदाय क्षुब्ध

रविवार, 14 फ़रवरी 2016 (17:35 IST)
- शोभना जैन
                                   
लाहौर। पाकिस्तान के लाहौर में हाईकोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए सदियों पुराने एक ऐतिहासिक जैन मंदिर के अवशेष को गिरा दिया गया है। पाकिस्तानी पंजाब की विधानसभा के अनेक विपक्षी सदस्यों ने भी इस ऐतिहासिक मंदिर को नहीं गिराने की मांग की थी, लेकिन तमाम विरोध को दरकिनार करते हुए अधिकारियों ने मदिर को लाहौर मेट्रो परियोजना के रास्ते में आड़े आने की दलील देकर इसे ढहा दिया। 
 
भारत और दुनियाभर के जैन समुदाय ने इस मंदिर को गिराए जाने पर गहरी चिंता और क्षोभ व्यक्त किया और कहा कि अदालत के आदेश के बावजूद मंदिर को जिस तरह से गिराया गया, उससे पता चलता है कि पाकिस्तान में कानून का शासन नहीं है। अखिल भारतीय दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष निर्मल कुमार सेठी ने इस घटना पर गहरा क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि दुनियाभर का जैन समाज इस घटना से दुखी है। 
 
ऐतिहासिक और धार्मिक आस्था के प्रतीक इस मंदिर को जिस तरह से गिराया गया, उससे पता चलता है वहां कानून की धज्जियां उड़ाई हैं। उन्होंने कहा कि समुदाय की मांग है कि पाक सरकार द्वारा अविलंब इस मंदिर के लिए नया वैकल्पिक स्थान दिया जाए और सरकार तुरंत उसके पुनर्निर्माण को सुनिश्चित करे।
 
गौरतलब है कि लाहौर हाईकोर्ट ने इस क्षेत्र में ऐतिहासिक महत्व की इमारत के 200 फुट के दायरे में सभी निर्माण कार्य स्थगित करने का स्थगन आदेश दिया था। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग ने भी पंजाब सरकार से इस परियोजना पर पुन: विचार करने और ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण के बुनियादी मानवाधिकारों की रक्षा करने का आह्वान किया था,  लेकिन तमाम कानूनी आदेशों और तर्कों को दरकिनार करते हुए यह मंदिर गिरा दिया गया।
 
मीडिया रिपोर्ट लाहौर के प्रसिद्ध अनारकली बाजार के पास स्थित इस मंदिर को भारत में 1992 में बाबरी मस्जिद को गिराए जाने के बाद भीड़ ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। मंदिर के अवशेष हालांकि अब भी थे। पाकिस्तानी पंजाब की विधानसभा में विपक्षी नेता इस मंदिर को गिराने के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं। वे विधानसभा में मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ मानहानि का प्रस्ताव ले आए हैं। मानहानि इसलिए कि पिछले माह ही उन्होंने एक प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया था कि इस मंदिर को किसी भी हालत में गिराया नहीं जाएगा। परसों जब इस मंदिर को ढहा दिया गया तो शाहबाज सरकार के खिलाफ विधानसभा में विरोधियों ने जमकर नारे लगाए, प्रदर्शन किया।
 
मुमताज कमाल नाम के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने पंजाब सरकार के विरुद्ध अदालत की मानहानि का दावा भी किया है। मुमताज का कहना है कि जनवरी में लाहौर हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि ऐतिहासिक महल की किसी भी इमारत से 200 फुट की दूरी में कोई मेट्रो आदि नहीं बनाई जाएगी, लेकिन पंजाब सरकार ने अदालत के इस आदेश का उल्लंघन कर दिया है। अब मंदिर की जमीन पर से ही मेट्रो गुजरेगी।
 
यह मंदिर जैन मंदिर था और अनारकली बाजार में बना हुआ था। इस मंदिर के कारण अनारकली बाजार का वह चौक 'जैन मंदिर चौक' कहलाता था। इस मंदिर में आजकल भारत से गए मुस्लिम शरणार्थियों ने अपने घर और दुकानें बना ली थीं। पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने ऑरेंज लाइन मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए जैन मंदिर गिरा दिया था 
 
इस मंदिर के साथ-साथ मंदिर परिसर के पास बने महाराजा बिल्डिंग और कपूरथला हाउस को भी गिरा दिया गया। कुछ और ऐतिहासिक इमारतों को भी गिरा दिया गया है और कहा गया है कि ये भवन लाहौर में बन रही मेट्रो के रास्ते में आ रहे हैं। पाकिस्तान में जैन परिवार तो अब लगभग है ही नहीं। (वीएनआई)

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