पाकिस्तान देगा ईरान को शाहीन-3 मिसाइलें

Pakistan Offers Iran Shaheen-III : कहा जा रहा है कि ईरान और इज़राइल के बीच संघर्ष बढ़ने की स्थिति में, पाकिस्तान ने ईरान को मध्यम दूरी की शाहीन-3 बैलिस्टिक मिसाइलों की आपूर्ति करने की पेशक़श की है। इज़राइली दैनिक 'येरूसलम पोस्ट' ने कई अरबी स्रोतों के हवाले से यह ख़बर दी है। 
 
ईरान और पाकिस्तान के अनुरोध पर, इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की एक आपात बैठक 7 अगस्त को सऊदी अरब में नियोजित थी। इस बैठक के माध्यम से ईरान, गाज़ा पट्टी के हमास नेता इस्माइल हनीया की तेहरान में हुई हत्या पर अपनी जवाबी प्रतिक्रिया से पहले पूरे इस्लामी जगत का समर्थन जुटाना चाहता है। लगता है कि स्वयं दीवालिया होने के कगार पर खड़े पाकिस्तान ने ईरान को शाहीन-3 बैलिस्टिक मिसाइलों की आपूर्ति करने की पेशक़श द्वारा और -- कुछ नहीं तो इस्लामी दुनिया में अपनी गिरती हुई साख बचाने के विचार से ही सही--  आग में घी डालने वाली यह दुस्साहसिक चाल चली है। ALSO READ: कौन है हमास प्रमुख याह्या सिनवार, इजराइल क्यों मानता है दुश्मन नंबर 1?
   
हमेशा से इज़राइल के समर्थक रहे अमेरिका और यूरोपीय संघ ने हमास को आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है। इसलिए ईरान भी इज़राइल के विरुद्ध अपना कोई साहसिक क़दम उठाने से पहले इस्लामी जगत का खुला समर्थन चाहता है। हमास के मुखिया इस्माइल हानिया की तेहरान में हत्या और इन्हीं दिनों लेबनान में इज़राइल विरोधी हिज़बुल्लाह मिलिशिया के एक सैन्य कमांडर की भी हत्या के बाद, मध्य पूर्व में एक बड़े युद्ध का खतरा बहुत बढ़ गया है। ईरान, हिज़बुल्लाह और हमास ने इज़राइल के विरुद्ध कड़ी जवाबी कार्रवाई की घोषणा कर रखी है।
 
सऊदी अरब स्थित 'ओआईसी' के मुख्यालय ने 5 अगस्त को कहा कि सउदी के तटीय शहर जेद्दा में होने वाली इस आपात बैठक में 'गाज़ा पट्टी पर इज़राइली क़ब्ज़े के अपराध' और 'हानिया की हत्या' पर चर्चा होगी। ईरानी विदेश मंत्रालय ने बताया कि ईरान ने इस बैठक के बुलाए जाने का अनुरोध पाकिस्तान के साथ मिलकर किया है। ALSO READ: हमास नेता हानिया की हत्या से भड़का ईरान, अयातुल्ला खामेनेई बोले लेंगे बदला, इजराइल को मिलेगी सख्त सजा
 
उल्लेखनीय है कि वैसे तो इधर कुछ समय से ईरान और पाकिस्तान के आपसी संबंध काफ़ी तनावपूर्ण रहे हैं, दोनों अपने बीच की बलोचिस्तानी सीमा के आर-पार तथाकथित 'सर्जिकल स्ट्राइक' कर चुके हैं, पर इज़राइल को 'सज़ा देने' के प्रश्न पर वे सारे आपसी मतभेद भुला कर एकमत हैं। 57 इस्लामिक देशों का प्रतिनिधित्व करने वाला 'ओआईसी' खुद को मुस्लिम दुनिया की आवाज़ के रूप में देखता है। अरबी देशों की अरब लीग के विपरीत, 'ओआईसी' में ईरान, पाकिस्तान और तुर्की जैसे कई प्रभावशाली ग़ैर-अरब देश भी शामिल हैं।
 
ईरान के विदेश मंत्रालय के अनुसार, ईरान ने पाकिस्तान के साथ मिलकर 'ओआईसी' की बैठक बुलाने का अनुरोध किया था। फ़िलिस्तीनी गाज़ा पट्टी के 'आतंकवादी संगठन' हमास के शीर्ष नेता रहे इस्माइल हनिया की ईरान की राजधानी तेहरान में इन्हीं दिनों हत्या ने ईरानी नेतृत्व को बौखला दिया है। उसने इज़राइल पर जवाबी हमले द्वारा कठोर प्रतिशोध की घोषणा कर रखी है। 
 
क्या है पुतिन का रुख : कथित जानकार सूत्रों के आधार पर यह भी कहा जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ईरान के नेताओं से इजराइल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई को यथासंभव नरम रखने का आग्रह कर रहे हैं। रॉयटर्स समाचार एजेंसी को ईरान के जानकार लोगों से पता चला है कि पूतिन के विश्वासपात्र और रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगु ने, सोमवार 5 अगस्त को, नए ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेसेशकियान और ईरानी सुरक्षा तंत्र के शीर्ष प्रतिनिधियों के साथ बैठक में पुतिन का नरमाई बरतने से संबंधित एक संदेश दिया।
 
इस संदेश में रूसी राष्ट्रपति ने ईरान को इज़राइली नागरिकों पर हमले नहीं करने की सलाह दी है। सर्गेई शोइगु कुछ समय पहले तक रूस के रक्षा मंत्री थे। रूसी राष्ट्रपति का संदेश ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली ख़मेनेई को संबोधित बताया जा रहा है, क्योंकि ईरान में राष्ट्रपति नहीं, सर्वोच्च धर्माधिकारी ही सर्वशक्तिमान राजनेता भी होता है।

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