पत्र में कहा गया है, 'हम आपसे सिंध में झूठे आरोपों पर बंदी बनाए गए लोगों को रिहा करने, सिंधी लोगों की धार्मिक आजादी की रक्षा करने, अल्पसंख्यक सिंधी लड़कियों और महिलाओं के जबरन धर्म परिवर्तन को खत्म करने और सिंध में मानवाधिकारों को बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग को लेकर पाकिस्तान सरकार से बात करने का अनुरोध करते हैं।'