सुश्री वेल्स ने पत्रकारों से कहा कि पाकिस्तान की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी, लेकिन पाकिस्तान ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पाकिस्तान के सहयोग के बिना हमारे लिए अपने लक्ष्य को हासिल करना बहुत मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि तालिबान के बातचीत के रास्ते पर न आने को किसी भी तरह स्वीकार नहीं किया जा सकता। तालिबान ने अभी तक अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के शांति वार्ता के प्रस्ताव को अस्वीकार किया है। तालिबान सीधे अमेरिका से वार्ता के लिए जोर दे रहा है, जिससे अमेरिका ने बार-बार इंकार किया है। (वार्ता)