पेशावर के विस्थापन संपत्ति ट्रस्ट बोर्ड (ईपीटीबी) के उपनिदेशक हुमायुं खान ने कहा कि प्रांतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने पंज तीरथ खाली करने का निर्देश दिया था। पेशावर उच्च न्यायालय का बृहस्पतिवार का फैसला हिन्दू सिख धार्मिक स्थलों की देखभाल करने वाले ईपीटीबी की याचिका पर आया जिसने नोटिस को चुनौती दी थी।
खान ने कहा कि राष्ट्रीय धरोहर घोषित पंज तीरथ ईपीटीबी की संपत्ति है। पंज तीरथ का नाम पांच सरोवरों के कारण पड़ा है और वहां एक मंदिर और वृक्षों के साथ एक बगीचा है। मान्यता है कि महाभारत कथा के राजा पांडू यहीं के थे और हिन्दू कार्तिक माह में यहां आकर सरोवर में स्नान करते थे और वृक्षों के नीचे बैठकर दो दिन पूजा अर्चना करते थे।