भारत ने इस फैसले को दृढ़ता से खारिज करते हुए कहा कि उसने पाकिस्तान के साथ विवाद समाधान के ढांचे को कभी मान्यता नहीं दी है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि 27 जून को मध्यस्थता न्यायालय द्वारा सुनाए गए पूरक निर्णय पाकिस्तान की इस स्थिति की पुष्टि करता है कि सिंधु जल संधि वैध और क्रियाशील है, तथा भारत को इसके बारे में एकतरफा कार्रवाई करने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने सोमवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पाकिस्तान किशनगंगा-रातले मामले में अपने अधिकार क्षेत्र की पुष्टि करने वाले मध्यस्थता न्यायालय के पूरक निर्णय का स्वागत करता है। यह निर्णय पुष्टि करता है कि सिंधु जल संधि पूरी तरह से वैध है। भारत इसे एकतरफा रूप से स्थगित नहीं रख सकता। देशों को अंतरराष्ट्रीय समझौतों के पालन से मापा जाता है। सिंधु जल संधि को अक्षरशः और भावना, दोनों रूप से बरकरार रखा जाना चाहिए।