मुशर्रफ के खिलाफ फिर से जांच

शनिवार, 28 नवंबर 2015 (08:53 IST)
इस्लामाबाद । पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ के खिलाफ साल 2007 में संविधान को पलटने के आरोप में मुकदमा चला रही विशेष पाकिस्तानी अदालत ने मामले में फिर से जांच का आदेश दिया है।
अदालत ने संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) को 17 दिसंबर तक जांच पूरी करने और इसकी रिपोर्ट देने का भी काम सौंपा।
 
उसने मुशर्रफ के वकील फरोग नसीम की इस दलील को खारिज कर दिया कि नए जांच दल में सेना द्वारा संचालित खुफिया एजेंसियों से भी जांच अधिकारियों को शामिल किया जाए।
 
साल 2013 में सत्ता में आने के बाद सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने नवंबर 2007 में संविधान को पलटने के आरोप में मुशर्रफ के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए तीन सदस्यीय विशेष अदालत का गठन किया था।
 
तीन सदस्यीय विशेष अदालत ने संघीय सरकार की तरफ से दिसंबर 2013 में मामले में मुकदमा शुरू किया जब वह देश के राष्ट्रपति थे।
 
1973 के संविधान के तहत संविधान का निरसन देशद्रोह का कृत्य होगा और पाकिस्तान के देशद्रोह कानूनों के तहत इसके लिए मौत की सजा का प्रावधान है।
 
सरकारी वकील अकरम शेख ने फिर से जांच का विरोध किया और कहा कि कुछ ठोस बदलाव नहीं आया है कि क्योंकि वही सरकार अब भी है जिसने देशद्रोह के मामले को शुरू किया।
 
उन्होंने कहा कि जांच की प्रक्रिया के दौरान मुशर्रफ एमआईए से सहयोग करने में विफल रहे जबकि उन्हें कई नोटिस दिए गए।
 
शेख ने कहा, ‘संघीय सरकार इस मामले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दायर करेगी।’ 72 वर्षीय मुशर्रफ को अप्रैल 2014 में दोषारोपित किया गया था लेकिन तब से विभिन्न कारणों से मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है। (भाषा)

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