मातम के बीच 'कलेजे के टुकड़ों' को सामूहिक रूप से दफनाया

बुधवार, 17 दिसंबर 2014 (20:38 IST)
पेशावर। आर्मी स्कूल पर यहां तालिबान के आत्मघाती हमले में 141 से अधिक लोगों के मारे जाने के बाद गहरे शोक में डूबे पाकिस्तान में आज तीन दिन का राष्ट्रीय शोक शुरू हुआ और हादसे में मरने वाले मासूम बच्चों को सामूहिक रूप से दफनाया गया। इस आत्मघाती हमले में स्कूल के 132 बच्चों की मौत हुई।
जिन लोगों ने पेशावर के आर्मी स्कूल हादसे में अपने जिगर के टुकड़ों को हमेशा-हमेशा के खो दिया है, उनकी हालत बयां करने के लिए शब्द कम पड़ रहे हैं। सैकड़ों माओं की रुलाई रुकने का नाम नहीं ले रही है और कई माएं ऐसी भी है, जो बच्चे का नाम पुकारती हैं और फिर बेहोश हो जाती हैं। यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। वे जानती हैं कि अब वे कभी अपने बच्चे को स्कूल भेजने के लिए आवाज नहीं लगाएंगी और वो बच्चा भी कभी जिद नहीं करेगा कि मैं स्कूल नहीं जाऊंगा...
 
पिता की आंखें पथरा-सी गई हैं और वे चिल्ला-चिल्लाकर यही सवाल करते हैं कि आखिर उनके मासूमों का कोई कसूर तो बताएं? कलेजे पर पत्थर रखकर जब उन लोगों ने अपने फूल से बच्चों को दफनाया, वैसे ही रुलाई का कोहराम मच गया। वहां मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखें भी भर आईं। ये बच्चे उनके सगे नहीं थे लेकिन लग रहा था उनका सगे से भी ज्याता रिश्ता है उनसे...
 
 

दुनिया को झकझोर देने वाली इस घटना के चलते अशांत खबर पख्तूनख्वा में बुधवार को सभी शैक्षिक संस्थान बंद रहे। पेशावर इसी प्रांत की राजधानी है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा घोषित तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की वजह से पाकिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहा।
 
शेष देश में ज्यादातर स्कूल खुले जहां सुबह की सभा में मौन रखकर मृतकों को याद किया गया। इस्लामाबाद और रावलपिंडी सहित विभिन्न शहरों में लोगों ने हमले की निन्दा करने और पीड़ित परिजनों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए कैंडल मार्च निकाला।
 




पीड़ितों को सामूहिक रूप से दफनाया जा रहा है और सभी तबकों के लोगों ने हमले की निन्दा की और राजनीतिक नेताओं ने भी आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने के लिए एकजुटता दिखाई। नमाज ए जनाजा में बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की।
 
तालिबान ने कहा कि यह हमला अफगानिस्तान की सीमा से सटे उत्तरपश्चिमी क्षेत्र में उनके ठिकानों पर सैन्य अभियान का बदला है। हमले की जिम्मेदारी लेने वाले तहरीके तालिबान के करीबी सहयोगियों ने भी इस कृत्य की निन्दा की है।
 
अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने एक बयान में कहा कि उनके संगठन की पीड़ितों के प्रति सहानुभूति है। इन आतंकवादियों ने पाकिस्तान में हमलों पर विगत में कभी कभार ही बयान जारी किया है।
 
मुल्ला फजलुल्ला के नेतृत्व वाले पाकिस्तान तालिबान के आतंकवादी अफगान तालिबान के प्रमुख मुल्ला उमर को अपना सर्वोच्च नेता मानते हैं। पेशावर में कल एक सैनिक स्कूल पर आतंकवादियों के बर्बर हमले में 132 छात्रों सहित कम से कम 141 लोग मारे गए थे। (वेबदुनिया/भाषा)

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