शिक्षक ने छात्रों को बचाने के लिए खुद जान दे दी...

पेशावर की बाशा खान युनिवर्सिटी में हुए आतंकवादी हमले के दौरान विश्वविद्यालय के ही एक प्रोफेसर ने विद्यार्थियों को बचाने की लिए अपनी जान दे दी। उन्होंने बंदूक उठाकर आतंकियों का मुकाबला किया और बच्चों को सुरक्षित बाहर निकलने के लिए रास्ता बनाया। 
ये हैं रसायनशास्त्र के प्रोफेसर सैयद हामिद हुसैन, जिन्होंने मरने से पहले यूनिवर्सिटी के कई बच्चों की जान बचाई। उनके इस बलिदान के बारे में बाहर सुरक्षित निकले छात्रों ने मीडिया को बताया। 
 
एक विद्यार्थी ने बताया कि प्रोफेसर हुसैन ने बंदूक थामी और कुछ देर आतंकियों का निडरता से मुकाबला किया और बच्चों को बचाया। जियोलॉजी स्टूडेंट जहूर अहमद ने बताया कि प्रो. हुसैन ने पहली गोली की आवाज सुनते ही उसे बिल्डिंग से बाहर ना निकलने की चेतावनी दी थी। वो अपने हाथ में बंदूक लिए हुए थे। उसके बाद मैंने देखा कि उन्हें एक गोली लगी। मैंने दो आतंकियों को गोली चलाते हुए देखा था। मैं अंदर की तरफ भागा और पीछे वाली दीवार कूदकर बच निकलने में सफल रहा।
 
एक और विद्यार्थी ने मीडिया को बताया कि वो क्लास में था जब गोलियों की आवाज सुनाई दी। मैंने तीन आतंकियों को देखा, वो 'अल्लाह इज ग्रेट' 'अल्लाह इज ग्रेट' चिल्ला रहे थे और हमारे डिपार्टमेंट की सीढ़ियों की तरफ बढ़ रहे थे। एक छात्र क्लासरूम की खिड़की से कूदा फिर हमने उसे उठते हुए नहीं देखा।
 
इस स्टूडेंट ने ये भी बताया कि कैसे केमेस्ट्री प्रोफेसर ने आतंकियों पर जवाबी फायरिंग की। फिर हमने उन्हें गिरते हुए देखा, आतंकी जैसे ही रजिस्ट्रार ऑफिस में घुसे हम वहां से भाग निकले।

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