एक विद्यार्थी ने बताया कि प्रोफेसर हुसैन ने बंदूक थामी और कुछ देर आतंकियों का निडरता से मुकाबला किया और बच्चों को बचाया। जियोलॉजी स्टूडेंट जहूर अहमद ने बताया कि प्रो. हुसैन ने पहली गोली की आवाज सुनते ही उसे बिल्डिंग से बाहर ना निकलने की चेतावनी दी थी। वो अपने हाथ में बंदूक लिए हुए थे। उसके बाद मैंने देखा कि उन्हें एक गोली लगी। मैंने दो आतंकियों को गोली चलाते हुए देखा था। मैं अंदर की तरफ भागा और पीछे वाली दीवार कूदकर बच निकलने में सफल रहा।
एक और विद्यार्थी ने मीडिया को बताया कि वो क्लास में था जब गोलियों की आवाज सुनाई दी। मैंने तीन आतंकियों को देखा, वो 'अल्लाह इज ग्रेट' 'अल्लाह इज ग्रेट' चिल्ला रहे थे और हमारे डिपार्टमेंट की सीढ़ियों की तरफ बढ़ रहे थे। एक छात्र क्लासरूम की खिड़की से कूदा फिर हमने उसे उठते हुए नहीं देखा।