उन्होंने बताया कि भारत और अमेरिका टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ा रहे है और वैश्विक मुद्दों पर भी आपसी समन्वय को मजबूत कर रहे हैं। दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific Region) के बारे में समान नजरिया रखते हैं और न सिर्फ द्विपक्षीय स्तर पर, बल्कि अन्य समान विचार रखने वाले देशों के साथ अपने साझा हितों को सुरक्षित रखने के लिए भी काम कर रहे हैं। इस महत्वपूर्ण चर्चा के बाद दोनों देशों के साझा मूल्यों को और अधिक रफ्तार मिलेगी।
वहीं राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि मैं भारत-अमेरिका साझेदारी को पृथ्वी की सबसे निकटतम साझेदारियों में से एक बनाने के लिए प्रतिबद्ध हूं। मैंने और प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने के विषय में चर्चा की है। साथ ही साथ हमने यूक्रेन पर रूस के नृशंस एवं अनुचित आक्रमण के प्रभावों पर भी चर्चा की।
इससे पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने टोक्यो में चार देशों (भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) के समूह (क्वाड) की आमने-सामने हुई दूसरी शिखर वार्ता में कहा कि इसके सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास और दृढ़ संकल्प न सिर्फ लोकतांत्रिक ताकतों को नई ऊर्जा दे रहा है, बल्कि एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थापना को प्रोत्साहित भी कर रहा है।