लंदन। अभी तक गधी के दूध का जिक्र होते ही बरबस मिस्र की रानी क्लियोपेट्रा का नाम याद आता है जिसके बारे में कहा जाता था कि वे अपनी खूबसूरती बरकरार रखने के लिए इससे नहाती थीं। लेकिन इसके साथ अब एक नया नाम ईसाइयों के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का भी जुडने जा रहा है।
एक ब्रिटिश दैनिक के अनुसार पोप फ्रांसिस ने यह खुलासा किया है कि उन्हें बचपन में गधी का दूध पीना बेहद अच्छा लगता था तथा अर्जेंटीना स्थित अपने घर में उन्हें मां के दूध की जगह गधी का दूध दिया जाता था।
पोप ने यह खुलासा तब किया कि जब इस सप्ताह उन्हें एक इतालवी कंपनी 'यूरोलैक्टिस इटैलिया' ने भेंट के रूप में दो गधियां दीं। यह इतालवी कंपनी गधी के दूध का कारोबार करती है।
सूत्रों के मुताबिक 'नो' और' थिया' नाम की ये गधियां रोम के बाहर स्थित अल्बान की पहाडी पर बने पोप के ग्रीष्कालीन आवास 'कैशल गोनडोल्फो' भेजी जाएंगी। 'कैशल गोनडोल्फो' में एक छोटा-सा फॉर्म है, जहां वेटिकन सिटी के लिए फल-सब्जियां उगाई जाती हैं और शहद बनाया जाता है।
कंपनी के संस्थापक पियरलुगी क्रिस्टोफ ओरूनेसू ने कहा कि पोप ने इस अवसर पर बताया कि बचपन में उन्हें एक तरह से गधी के दूध की लत लग गई थी। कंपनी के मुताबिक गधी का दूध मां के दूध के लगभग बराबर होता है और यह उन बच्चों के लिए एक विकल्प है जिन्हें गाय के दूध से एलर्जी होती है। (वार्ता)