शंघाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन दौरे के तीसरे और आखिरी दिन चीन के टॉप 20 कंपनियों के सीईओ से मुलाकात की और उनसे मेक इन इंडिया के सपने को साकार करने की अपील की। इस दौरान भारत और चीनी कंपनियों ने 22 अरब डॉलर के 21 व्यावसायिक समझौतों पर हस्ताक्षर किए। अब तक 45 करार हो चुके हैं। भारत के लिए इसे सबसे बड़ा करार माना जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि वीप्रो, अदाणी, भारती, जीएमआर सहित भारतीय की कई कंपनियों से चीन की कंपनियों ने करार किया।
इसके बाद भारत-चीन बिजनेस फोरम में नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और चीन के बीच व्यापार से दोनों देशों को फायदा होगा। भारत और चीन दो महान सभ्यताएं हैं जिन्होंने पूरी मानवता को रोशनी दिखाई है। मोदी ने आगे कहा कि हम पूरी दुनिया की एक तिहाई जनसंख्या हैं। और उनके साथ जो प्रतिनिधिमंडल है उसमें बिजनेस वर्ल्ड से जुड़ी हस्तियां और अधिकारी भी हैं।
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी दो सार्वजनिक संबोधन भी करेंगे जिसमें पहला संबोधन फुदान विश्वविद्यालय में और दूसरा संबोधन भारतीय समुदाय के एक स्वागत समारोह में होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री अपनी विदेश यात्रा के दूसरे चरण में मंगोलिया की राजधानी उलानबटोर के लिए रवाना हो जाएंगे। वह 18 मई को दक्षिण कोरिया जाएंगे और 19 मई को स्वदेश लौटेंगे।
इससे पहले मोदी गुरुवार को शियान पहुंचे थे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ शिखर वार्ता की थी। उसके बाद वे बीजिंग के लिए रवाना हो गए, जहां शुक्रवार को चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग के साथ व्यापक मुद्दों पर विचार विमर्श किया।