PM मोदी और जेलेंस्की के बीच हुई वार्ता, भारत-यूक्रेन ने अहम समझौतों पर किए हस्ताक्षर

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 23 अगस्त 2024 (20:04 IST)
Prime Minister Narendra Modi's visit to Ukraine : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की बहुचर्चित शिखर बैठक के बाद दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक साझीदारी के उन्नत करके रणनीतिक साझीदारी के स्तर पर ले जाने और सैन्य उत्पादन क्षेत्र संयुक्त उपक्रम स्थापित करने पर सहमति जताई। दोनों देशों ने शिखर बैठक के बाद आपसी सहयोग के कुछ अहम समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए।
 
दोनों नेताओं की द्विपक्षीय शिखर बैठक के बाद भारत-यूक्रेन संयुक्त घोषणा पत्र में यह कहा गया। दोनों देशों ने शिखर बैठक के बाद आपसी सहयोग के कुछ समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए। घोषणा पत्र के अनुसार दोनों नेताओं के बीच मौजूदा सैन्य संघर्ष को समाप्त कर शांति स्थापित करने के बारे में भी काफी चर्चा हुई है।

घोषणा पत्र में कहा गया, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र सहित क्षेत्रीय अखंडता और राज्यों की संप्रभुता के सम्मान जैसे अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों को बनाए रखने में आगे सहयोग के लिए अपनी तत्परता दोहराई। वे इस संबंध में करीबी द्विपक्षीय बातचीत की वांछनीयता पर सहमत हुए।
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घोषणा पत्र के अनुसार भारतीय पक्ष ने अपनी सैद्धांतिक स्थिति दोहराई और संघर्ष के बातचीत और कूटनीति के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान पर ध्यान केंद्रित किया। भारत ने इसी सैद्धांतिक प्रतिबद्धता के आधारपर जून 2024 में स्विट्जरलैंड के बर्गेनस्टॉक में आयोजित यूक्रेन में शांति शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। यूक्रेनी पक्ष ने भारत की ऐसी भागीदारी का स्वागत किया और अगले शांति शिखर सम्मेलन में उच्चस्तरीय भारतीय भागीदारी के महत्व पर प्रकाश डाला।
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Bharat Health Initiative for Sahyog Hita & Maitri (BHISHM) is a unique effort which will ensure medical facilities in a rapidly deployable manner. It consists of cubes which contain medicines and equipment for medical care. Today, presented BHISHM cubes to President @ZelenskyyUa. pic.twitter.com/gw3DjBpXyA

— Narendra Modi (@narendramodi) August 23, 2024 >
यूक्रेनी पक्ष ने बताया कि यूक्रेन में शांति की रूपरेखा पर आयोजित शांति शिखर सम्मेलन में अपनाया गया संयुक्त वक्तव्य, बातचीत, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर शांति को बढ़ावा देने के लिए आगे के प्रयासों के आधार के रूप में काम कर सकता है।

दोनों देशों के नेताओं ने यूक्रेनी मानवीय अनाज पहल सहित वैश्विक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के विभिन्न प्रयासों की सराहना की। वैश्विक बाजारों, विशेषकर एशिया और अफ्रीका में कृषि उत्पादों की निर्बाध और निर्बाध आपूर्ति के महत्व पर जोर दिया गया।
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शांति स्थापना के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने नवीन समाधान विकसित करने के लिए सभी हितधारकों के बीच ईमानदार और व्यावहारिक जुड़ाव की आवश्यकता दोहराई और कहा कि इसकी व्यापक स्वीकार्यता होगी और शांति की शीघ्र बहाली में योगदान होगा। उन्होंने शांति की शीघ्र वापसी के लिए हरसंभव तरीके से योगदान करने की भारत की इच्छा दोहराई।
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Ми з президентом @ZelenskyyUa сьогодні в Києві мали дуже продуктивні розмови. Індія прагне поглибити економічні зв’язки з Україною. Ми обговорили шляхи посилення співпраці в сільському господарстві, технологіях, фармацевтиці та інших подібних секторах. Ми також домовилися про… pic.twitter.com/MlXMdD9e1N

— Narendra Modi (@narendramodi) August 23, 2024 >
घोषणा पत्र के मुताबिक राजनीतिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने को लेकर दोनों नेताओं ने भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को व्यापक साझीदारी से रणनीतिक साझीदारी तक बढ़ाने की दिशा में काम करने में पारस्परिक रुचि व्यक्त की। उन्होंने आपसी विश्वास, सम्मान और खुलेपन के आधार पर दोनों देशों के लोगों के लाभ के लिए द्विपक्षीय संबंधों को और विकसित करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
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आर्थिक एवं विकास के लिए साझीदारी पर जोर देते हुए दोनों नेताओं ने डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, उद्योग, विनिर्माण, हरित ऊर्जा आदि जैसे डोमेन में मजबूत साझेदारी की खोज के अलावा, व्यापार और वाणिज्य, कृषि, फार्मास्यूटिकल्स, रक्षा, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की जिसमें दोनों देशों के व्यापार और उद्योग की अधिक भागीदारी शामिल है।

घोषणा पत्र के अनुसार नेताओं ने दोनों देशों के बीच भविष्योन्मुख और मजबूत आर्थिक साझेदारी को सुविधाजनक बनाने में व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी, औद्योगिक और सांस्कृतिक सहयोग (आईजीसी) पर भारतीय-यूक्रेनी अंतर सरकारी आयोग के महत्व पर जोर दिया।

भारत और यूक्रेन के बीच रक्षा सहयोग के महत्व को रेखांकित करते हुए, नेताओं ने दोनों देशों में रक्षा संस्थाओं के बीच मजबूत संबंधों को सुविधाजनक बनाने की दिशा में काम करना जारी रखने पर सहमति व्यक्त की, जिसमें भारत में विनिर्माण के लिए संयुक्त सहयोग और साझीदारी और उभरते क्षेत्रों में सहयोग शामिल है। दोनों पक्ष निकट भविष्य में 2012 रक्षा सहयोग समझौते के तहत स्थापित सैन्य-तकनीकी सहयोग पर भारतीय-यूक्रेनी संयुक्त कार्य समूह की दूसरी बैठक भारत में आयोजित करने पर भी सहमत हुए।
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घोषणा पत्र में कहा गया कि दोनों नेताओं ने कृषि के क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच मजबूत संबंधों और मानकों और प्रमाणन प्रक्रियाओं के सामंजस्य सहित पूरक क्षेत्रों में ताकत के आधार पर द्विपक्षीय बातचीत और बाजार पहुंच बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया।

फार्मास्युटिकल उत्पादों में सहयोग को साझेदारी के सबसे मजबूत स्तंभों में से एक के रूप में मान्यता देते हुए, नेताओं ने परीक्षण, निरीक्षण और पंजीकरण प्रक्रियाओं सहित अधिक बाजार पहुंच और निवेश और संयुक्त उद्यमों की सुविधा की इच्छा की पुष्टि की। दोनों पक्षों ने प्रशिक्षण और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने सहित दवाओं और फार्मास्यूटिकल्स पर सहयोग को व्यापक बनाने की इच्छा व्यक्त की। दोनों पक्ष दोनों देशों के नागरिकों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों की शाखाएं खोलने की संभावना तलाशने पर सहमत हुए।

बाद में सूत्रों ने यह भी बताया मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से बातचीत में संघर्ष के बीच यूक्रेन में पढ़ने वाले छात्रों को सुरक्षित निकालने में मदद के लिए जेलेंस्की का आभार जताया। मोदी ने कहा, जब युद्ध के शुरुआती दिन थे तो आपने भारतीय नागरिकों और छात्रों को निकालने में मदद की। संकट के इस समय में आपकी मदद के लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं।
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दुनिया यह अच्छी तरह से जानती है कि इस दौरान युद्ध में हमने दो भूमिकाएं निभाईं। पहली भूमिका थी मानवीय दृष्टिकोण की। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मानवीय दृष्टिकोण से चाहे जो भी आवश्यकता हो, भारत हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा और दो कदम आगे रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत संघर्ष के समय कभी भी तटस्थ नहीं रहा और वह हमेशा शांति के पक्ष में खड़ा रहा है। (एजेंसी)
फोटो सौजन्‍य : टि्वटर/एक्स
Edited By : Chetan Gour