Lateral Entry: यह आरक्षण को खत्म करने का पहला कदम था, लेकिन..

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 20 अगस्त 2024 (16:44 IST)
Jairam Ramesh on lateral entry issue: सीधी भर्ती (Lateral Entry) को लेकर सुरक्षात्मक मुद्रा में आई केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि आरक्षण को खत्म करने का यह पहला कदम था। सभी लोग जब उन पर कूद पड़े तो पीछे हट गए। इस बार हकीकत यह है कि 2 दिन में प्रधानमंत्री ने हार मान ली। अभी आगे और हार मानेंगे। ये संविधान की जीत है।
रमेश ने कहा कि ये सीधी बहाली 45 पदों के लिए थी। ये पहले UPSC के माध्यम से होता थे। पहली बार एक साथ सीधी भर्ती थी। पिछले 4 साल में कुछ 50-60 लोग सीधी भर्ती से आए हैं। ये सरकार के आदेश पर किया गया था। कल तक ये मनमोहन सिंह जी और नेहरू जी के लिए कह रहे थे कि ये उनके जमाने से होता रहा है और आज क्या हुआ? ALSO READ: लेटरल एंट्री पर बैकफुट पर मोदी सरकार, भाजपा को क्यों याद आई सोनिया गांधी और NAC?
 
क्या कहा अखिले यादव ने : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘लेटरल एंट्री’ का विज्ञापन वापस लिए जाने के निर्देश को पीडीए में आए जागरण और चेतना की बहुत बड़ी जीत बताया। सपा नेता यादव ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि यूपीएससी में लेटरल एंट्री के पिछले दरवाज़े से आरक्षण को नकारते हुए नियुक्तियों की साज़िश आख़िरकार पीडीए की एकता के आगे झुक गई है। सरकार को अब अपना यह फ़ैसला भी वापस लेना पड़ा है। उन्होंने कहा कि भाजपा के षड्यंत्र अब कामयाब नहीं हो पा रहे हैं, ये पीडीए में आए जागरण और चेतना की बहुत बड़ी जीत है। ALSO READ: Lateral Entry पर झुकी मोदी सरकार, रद्द होगा नोटिफिकेशन, राहुल गांधी समेत NDA दलों ने उठाया था मुद्दा
 
यादव ने कहा कि इन परिस्थितियों में समाजवादी पार्टी ‘लेटरल भर्ती’ के खिलाफ 2 अक्टूबर से शुरू होने वाले आंदोलन के आह्वान को स्थगित करती है, साथ ही यह संकल्प लेती है कि भविष्य में भी ऐसी किसी चाल को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। जिस तरह से जनता ने हमारे दो अक्टूबर के आंदोलन के लिए जुड़ना शुरू कर दिया था, यह उस एकजुटता की भी जीत है। उन्होंने कहा कि लेटरल एंट्री ने भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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