प्रियंका के आने से कांग्रेस को होगा यह बड़ा फायदा...

मंगलवार, 12 फ़रवरी 2019 (11:50 IST)
वॉशिंगटन। विदेश नीति से संबंधित अमेरिका की एक प्रभावशाली पत्रिका ने कहा है कि प्रियंका गांधी के कांग्रेस महासचिव बनने से पार्टी के चुनावी भविष्य पर पड़ने वाला प्रभाव भले ही स्पष्ट नहीं है, लेकिन इससे सत्तारूढ़ भाजपा की तुलना में पार्टी को अपने धन एवं संसाधन के अंतर को कम करने में अवश्य मदद मिलेगी।

कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के मिलन वैष्णव ने प्रतिष्ठित ‘फॉरेन पॉलिसी’ पत्रिका में लिखे अपने ताजा लेख में कहा कि कांग्रेस पार्टी की नई प्रचारक भले ही वास्तव में चुनाव नहीं लड़ें, लेकिन वे ऐसे देश में पार्टी के वित्त पोषण संबंधी अंतर को कम कर सकती हैं, जहां चुनाव जीतने के लिए बहुत धन की आवश्यकता होती है।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी को पिछले महीने पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए पार्टी का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया था। प्रियंका ने अपने भाई के साथ लखनऊ में सोमवार को रोड शो किया था। वैष्णव ने कहा कि प्रियंका के राजनीति में औपचारिक प्रवेश से पार्टी में जोश आया है जिसकी उसे बहुत आवश्यकता थी।

उन्होंने कहा कि खबरों के अनुसार वित्तीय कमी के कारण पार्टी आलाकमान से कांग्रेस की राज्य इकाइयों को धन नहीं मिल पा रहा है। ‘कॉस्ट्स ऑफ डेमोक्रेसी : पॉलिटिकल फाइनेंस इन इंडिया’ पुस्तक के सह लेखक वैष्णव ने कहा कि प्रियंका गांधी ने ऐसे समय में सक्रिय राजनीति में कदम रखा है, जब कांग्रेस को हरसंभव मदद की आवश्यकता है।

पार्टी को 2014 आम चुनावों के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद कुछ जगह जीत मिली है। प्रियंका के आने से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा हुआ है, जिसकी उन्हें बहुत आवश्यकता है।

उन्होंने लिखा कि पिछले ही महीने कांग्रेस को चुनावी रूप से सबसे अहम राज्य उत्तरप्रदेश में अहम विपक्षी गठबंधन से बाहर रखा गया था। पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी के पार्टी की प्रचार मुहिम का नेतृत्व करने से पार्टी साथी विपक्षी ताकतों से लाभ ले सकती है। इसी क्षेत्र में प्रियंका की मां, भाई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय सीटें हैं।

उन्होंने कहा कि प्रियंका की भूमिका केवल सहयोगियों को साथ लाने और मनोबल बढ़ाने तक सीमित नहीं है। इससे धन जुटाने में भी मदद मिलेगी। पार्टी धन की कमी से जूझ रही है। वैष्णव ने कहा कि प्रियंका के आने से सोशल मीडिया पर भाजपा के प्रभुत्व को चुनौती मिलेगी। ट्विटर पर प्रियंका के आने के 24 घंटे के भीतर ही उनके फॉलोअर्स की संख्या 1 लाख से अधिक हो गई थी।

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