रैंसमवेयर साइबर अटैक सरकारों के लिए चेतावनी : माइक्रोसॉफ्ट

सोमवार, 15 मई 2017 (22:04 IST)
वॉशिंगटन। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि दुनिया के कई देशों को प्रभावित करने वाले साइबर हमले ‘रैंसमवेयर’ को देखते हुए सरकारों को सतर्क हो जाना चाहिए। इस साइबर हमले से 150 से अधिक देशों में 2,00,000 इकाइयां प्रभावित हुई हैं। माइक्रोसॉफ्ट के एक्सपी जैसे पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले कंप्यूटर इस मालवेयर से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। इसके प्रभावित होते ही कंप्यूटर की सभी फाइल लॉक हो जा रही हैं। इसकी पहचान सबसे पहले अमेरिकी खुफिया विभाग ने की।
 
समाचार चैनल सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय सिक्योरिटी एजेंसी (एनएसए) ने माइक्रोसॉफ्ट को तीन महीने पहले इस बारे में सतर्क किया था। माइक्रोसॉफ्ट ने स्थिति से निपटने के लिए एक उन्नत संस्करण जारी किया लेकिन कई उपयोगकर्ताओं ने इसे अबतक डाउनलोड नहीं किया।
 
रिपोर्ट के अनुसार माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष तथा मुख्य विधि अधिकारी ब्राड स्मिथ ने कल ब्लॉग पर लिखा कि दुनिभर की सरकारों के लिये यह चेतावनी है और उन्हें इसको लेकर सतर्क हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कंपनियों, ग्राहकों तथा सरकार को साइबर हमलों से निपटने को लेकर साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।
 
रैंसमवेयर एक ऐसा गड़बड़ी पैदा करने वाला सॉफ्टवेयर है जिससे प्रभावित होते ही कंप्यूटर की सभी फाइल लॉक हो जा रही हैं। साइबर अपराधी उपकरणों को ठीक करने के लिए 300 अमेरिकी डॉलर मूल्य की डिजिटल मुद्रा बिटक्वाइन की मांग कर रहे हैं। यह मालवेयर ई-मेल के जरिए फैलता है। उल्लेखनीय है कि सप्ताहांत तक इस रैंसमवेयर के जरिए रूस और ब्रिटेन समेत 100 से अधिक देशों के कंप्यूटर सिस्टम पर साइबर हमला किया गया है। यह अब तक के इतिहास का सबसे व्यापक तौर पर फैलने वाला रैंसमवेयर है।  
 
जापान हुआ साइबर हमले का शिकार : जापान विश्वभर के 150 देशों में अफरा-तफरी की स्थिति पैदा कर देने वाले ‘रैंसमवेयर' साइबर हमले का शिकार बना है। इस हमले ने 600 स्थानों के सैंकड़ों कंप्यूटरों को अपनी चपेट में लिया था। निसान मोटर कोर्प ने इस बात की पुष्टि की है कि कुछ इकाइयों को निशाना बनाया गया लेकिन हमारे कारोबार पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा। हिताची की प्रवक्ता यूको तैनूची ने कहा कि ई-मेल धीमे चल रहे थे या फिर पहुंच नहीं पा रहे थे। फाइलें खुल नहीं पा रही थीं।
 
कंपनी का मानना है कि हालांकि कोई फिरौती मांगी नहीं गई है लेकिन ये समस्याएं रैंसमवेयर हमले से जुड़ी हैं। समस्याओं को सुलझाने के लिए वे सॉफ्टवेयर डाल रहे हैं। कंप्यूटर हमलों से निपटने के लिए सहयोग करने वाली गैर सरकारी संस्था द जापान कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम कॉर्डिनेशन सेंटर ने कहा कि अब तक जापान में 600 स्थानों पर 2000 कंप्यूटरों के प्रभावित होने की सूचना है।
 
कुछ अन्य लोगों ने भी इस हमले की जानकारी दी। ‘वानाक्राई’ नामक इस हमले ने ब्रिटेन के अस्पतालों के तंत्र, जर्मनी के राष्ट्रीय रेलवे, दुनिया भर की अन्य कंपनियों और सरकारी एजेंसियों को संचालित करने वाले कंप्यूटरों को पंगु बना दिया था। यह हमला इंटरनेट की दुनिया में सबसे बड़ी फिरौती की योजना हो सकता है।  

चीन भी प्रभावित : चीन में यातायात पुलिस, स्थानीय सरकार से लेकर उद्योग नियामक तक के कामकाज पर बुरा रैंसमवेयर प्रभाव पड़ा है। हालांकि इसको लेकर जितनी आशंका जताई जा रही थी उतना नुकसान नहीं हुआ है। स्थानीय चीनी अधिकारियों ने कहा कि इस हमले के कारण उनकी कुछ सेवाएं निलंबित की गई है। इससे विश्वभर में कार फैक्ट्रियों, अस्पतालों, दुकानों और स्कूलों में कामकाज प्रभावित हुआ। हालांकि अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों ने कहा कि देश में इस तरह के हमले में कमी आई है। चीन में इंटरनेट यूजर्स की संख्या विश्व में सर्वाधिक है।
 
चीन की आंतरिक सुरक्षा कंपनी किहू 360 ने कहा कि पिछले दो दिनों की तुलना में सोमवार को इस हमले से प्रभावित संस्थानों की संख्या में महत्वपूर्ण कमी आई है। घरेलू संस्थानों के व्यापक स्तर पर प्रभावित होने की चिंताएं समाप्त नहीं हुई हैं। किहू ने पहले ही कहा था कि शनिवार शाम तक इस हमले से 30 हजार संगठन प्रभावित हुए जिनमें चार हजार शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं। साइबर सिक्युरिटी एडमिनिस्ट्रेशन चाइना (सीएसी) के एक अधिकारी ने स्थानीय मीडिया से कहा कि रैंसमवेयरसे उद्योग और सरकारी कम्प्यूटर प्रणाली प्रभावित हुई हैं। हालांकि इसका दायरा कम है। चीन में परिवहन, सामाजिक सुरक्षा, उद्योग नियामक और आव्रजन के सरकारी संस्थानों ने कहा कि उसने अपनी सेवाओं को निलंबित कर दिया है।  (एजेंसियां) 

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