वैज्ञानिकों का मानना है कि वह दिन दूर नहीं, जब इंसान 120 वर्ष तक जिंदा रह सकता है। वैज्ञानिकों की नई शोध से भारत के ऋषि-मुनियों के सैकड़ों वर्ष तक जीवित रहकर तपस्या करने की बातों पर हम आसानी से विश्वास कर सकते हैं।
यह एंटीऑक्सीडेंट शरीर में ऊर्जा प्रदान करने वाली कोशिकाओं 'मिटोकोंद्रिया' के काम करने की प्रक्रिया को नियंत्रित करेगी। 'मिटोकोंद्रिया' को उम्र बढ़ने और हृदयाघात, अल्जाइमर और पार्किन्सन जैसी बीमारियों के लिए जिम्मेदार माना जाता है।