रियाद। सऊदी अरब ने चेतावनी दी है कि अमेरिका के 9/11 कानून के परिणाम विध्वसंकारी होंगे। इसके बाद से लंबे समय से सहयोगी रहे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। दरअसल, इस कानून के तहत हमले के पीड़ितों को सऊदी के खिलाफ मुकदमा करने की इजाजत होगी।
सऊदी की ओर से यह चेतावनी इसलिए दी गई, क्योंकि बुधवार को अमेरिकी कांग्रेस ने देशों के बीच संबंधों से जुड़े कानून आतंकी गतिविधियों के प्रायोजकों के खिलाफ न्याय (जेएएसटीए) के पक्ष में राष्ट्रपति बराक ओबामा के वीटो की अवहेलना करते हुए बड़ी संख्या में मतदान किया।
जेएएसटीए हमले के पीड़ितों और आतंकवाद पीड़ितों के संबंधियों को अमेरिकी संघीय अदालत में विदेशी सरकारों के खिलाफ मामले दायर की अनुमति देता है और अमेरिकी धरती पर हुए हमलों में इन देशों की सरकारों की जवाबदेही पाए जाने पर पीड़ितों के लिए मुआवजे की वकालत भी करता है।
सऊदी विदेश मंत्रालय के एक सूत्र ने गुरुवार को अमेरिकी कांग्रेस से कहा है कि वह कानून के विध्वंसक और खतरनाक परिणामों से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाए। सऊदी की आधिकारिक प्रेस एजेंसी ने एक प्रवक्ता के हवाले से कहा है कि यह कानून चिंता का बड़ा कारण है। रियाद और वॉशिंगटन के बीच संबंध दशकों पुराना है। इसमें सऊदी अमेरिका को तेल देता है जबकि अमेरिका बदले में उसे सुरक्षा मुहैया करवाता है।
अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हमला करने वाले अल कायदा के 19 विमान अपहर्ताओं में से 15 सऊदी से हैं। उस हमले में 3,000 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि रियाद की ओर से हमलावरों से किसी भी तरह के संबंधों से इंकार किया जाता रहा है। (भाषा)