रोबोट 'मां' का बच्चा, जो खुद ही बढ़ता है...

लंदन। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी रोबोट 'मां' बनाई है जो कि मशीनीकृत पुर्जों की मदद से एक बच्चा रोबोट बना सकती है। अब रोबोट 'मां' ऐसे बच्चे भी बना सकती है जो कि अपने आप विकसित भी हो सकते हैं।

रोबोट्‍स का भी ठीक ऐसे ही विकास होगा जैसा कि समय गुजरने के साथ मनुष्यों या पशुओं का होता है। इतना ही नहीं, रोबोट मां बच्चों की भावी पीढ़ी में गुणों का विकास भी कर सकती है।  

ब्रिटिश दैनिक 'द इंडिपेंडेंट' में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच विभिन्न प्रयोगों के अंतर्गत एक ऐसी रोबोट मां को तैयार किया गया जो कि दस बच्चों की एक पीढ़ी को पैदा कर सके। विदित हो कि इस रोबोट मां का स्वरूप एक बड़ी रोबोटिक आर्म (बांह) जैसा दिखता है। छोटे-छोटे प्लास्टिक क्यूब्स की मदद से इन्हें बनाया गया, जिनके अंदर मोटरें लगी थीं।

इन प्रयोगों से यह जानकारी हुई कि बच्चे रोबोट्‍स में वे सारे गुण थे और बच्चों की आखिरी पीढ़ी पहली की तुलना में कामों को अधिक तेजी से कर लेती है। इस शोध से संबंधित विवरण और निष्कर्ष पत्रिका पीएलओएस वन में दिए गए हैं।

विदित हो कि प्रत्येक रोबोट्‍स में विभिन्न जीन्स से बना एक जीनोम डाला गया है, ठीक वैसे ही जैसे कि मनुष्यों में होता है। इस शोध से जुड़े कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ इंजीनियरिंग के प्रमुख शोधकर्ता फूमिया लूडा का कहना है कि हम जानना चाहते हैं कि इस स्वाभाविक चुनाव का उद्देश्य, मुख्यत: प्रजनन तथा मूल्यांकन और इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है। यही काम रोबोट्‍स कर रहे हैं और इस प्रक्रिया के जरिए हम विभिन्न प्रजातियों के सुधार और विविधीकरण को समझ रहे हैं।
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मनुष्यों से ज्यादा चुस्त दुरुस्त होगा रोबोट 'एटलस' : दुनिया की प्रसिद्ध टेक कंपनी गूगल ने आश्चर्यजनक रूप से मानवीकृ‍त रोबोट 'एटलस' का परीक्षण किया है और कंपनी का दावा है कि वह एटलस को और भी अधिक चुस्त दुरुस्त बनाएगी और इस मामले में वह इंसानों से भी बेहतर साबित होगा।

विदित हो कि 6.2 फुट लम्बा एटलस जंगलों में बिना गिरे दौड़ लगा सकता है। उसने एक लैब में चट्‍टानों पर चढ़कर अपनी क्षमता प्रदर्शित की है। वैज्ञानिकों ने इसमें कई सुधार करके मनुष्यों जैसा कार्यसक्षम बनाया है क्योंकि हाल ही में हुए 'रोबो ओलिम्पिक्स' में दौड़ते हुए कई रोबोट्‍स गिर गए थे।

डेलीमेल डॉटकॉम के लिए मार्क प्रिग लिखते हैं कि इसे गूगल के स्वामित्व वाली कंपनी बोस्टन डायनैमिक्स ने बनाया है। इसका डीलडौल 6.2 फुट लम्बा है जबकि इसका बजन 330 पौंड है। बोस्टन डायनेमिक्स का कहना है‍ कि एटलस एक अत्यधिक गतिशील मानवीकृत रोबोट है जिसे घर के बाहर उबड़ खाबड़ रास्तों पर चलने के लिए बनाया गया है।

यह दोनों पैरों से चलता है और इसके हाथ तमाम तरह की गतिविधियों के लिए मुक्त होते हैं। यह सामान ले जा सकता है, बजन उठा सकता है और कुशलतापूर्वक काम करने में सक्षम है। यह भीड़ भरे स्थानों में अपने हाथों-पैरों को इस्तेमाल कर सकता है।

बोस्टन डायनेमिक्स के संस्थापक मार्क रायबर्ट का कहना है कि कई प्रतियोगिताओं में विभिन्न रोबोट्स के मुकाबले एटलस का सॉफ्टवेयर इस तरह से बना है जोकि मनुष्यों और पशुओं की गतिविधियों की नकल कर सकता है और इनमें सुधार करने की भी क्षमता रखता है। गूगल ने कुछ ऐसी तकनीकों को विकसित करने पर ध्यान केन्द्रित किया है जोकि इस तरह के रोबोट को आधुनितकतम बनाती हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि वे इसमें चीते जैसी गति, घोड़ों जैसी मजबूती, बंदरों जैसी चपलता और मनुष्यों जैसी सर्वतोमुखी क्षमताएं और प्रतिभाएं शामिल करना चाहते हैं।

गूगल के पेटेंट विवरण में बताया गया है कि यह एक ऐसा क्लाउड बेस्ड सिस्टम बनाना चाहती है जहां एक रोबोट में एक पर्सनालिटी को डाउन लोड करना संभव होगा। और यह भी ठीक ऐसे ही होगा जैसाकि कोई एक एप्प डाउनलोड कर सकता है। उल्लेखनीय है कि ये पर्सनालिटीज ऑनलाइन होंगी। इसके जरिए एक यूजर मशीन में अलग तरह की पर्सनालिटी भी डाल सकता है।

पेटेंट के अनुसार रोबोट में डाली गई पर्सनालिटी इसके मालिक की पर्सनालिटी की नकल भी हो सकती है। इस रोबोट पर्सनालिटी में मनुष्य जैसी विभिन्न विशेषताओं को बदला भी जा सकता है। एक रोबोट की पर्सनालिटी और उसकी मानसिक स्थिति वाले कई दूसरे रोबोट्‍स बनाए जा सकते हैं ताकि इनके जैसे कई क्लोन बनाए जा सकें जिनका अन्य बहुत तरीकों से भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

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