संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने मंगलवार को यहां बताया कि इस महीने की शुरुआत में आए तूफान या भूस्खलन के कारण 7000 से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा, मानसून में आमतौर पर कॉक्स बाजार में 2.5 मीटर बारिश होती है जिसके कारण बाढ़ आती है।
इसके कारण मानसून के मौसम में 150,000-200,000 शरणार्थियों और 883 सामुदायिक केन्द्रों को बाढ़ या भूस्खलन का खतरा है, जबकि इनमें से 25,000 शरणार्थियों पर गंभीर खतरा है। दुजारिक ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने शरणार्थियों पर बारिश का प्रभाव कम करने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। (भाषा)