मान्गदाओ। बांग्लादेश से हर रोज आने वाले 150 रोहिंग्या शरणार्थियों का स्वागत करने के लिए म्यामां के रखाइन प्रांत में बनाए गए शिविर पूरी तरह से तैयार हैं।
लेकिन ज्यादातर दिन ये शिविर पूरी तरह खाली ही पड़े रहते हैं क्योंकि निकाले गए अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य उस स्थान पर लौटने से डरते हैं जहां से सेना ने इन लोगों को हिंसक तरीके से खदेड़ा था। म्यामां की तरफ से चीजें सामान्य करने का कोई ठोस आश्वसान भी इस संबंध में नहीं दिया गया है।
नगा खू रा के आव्रजक निदेशक विन खैंग ने कहा, ‘हम जनवरी से उनका स्वागत करने के लिए तैयार हैं जब से वापसी प्रक्रिया शुरू हुई है।’ (भाषा)