तालिबान को यूएन की लिस्ट से हटवाने पर रूस, चीन और पाक सहमत, भारत चिंतित

गुरुवार, 29 दिसंबर 2016 (08:05 IST)
मॉस्को। मॉस्को में एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान पाकिस्तान, चीन और रूस ने अफगानिस्तान की 'बिगड़ती' सुरक्षा स्थिति और युद्ध प्रभावित देश में आईएसआईएस जैसे कट्टरपंथी संगठनों की बढ़ती गतिविधियों पर चर्चा की। बैठक में अफगानिस्तान के किसी भी प्रतिनिधि ने हिस्सा नहीं लिया। इस बैठक में तालिबान को यूएन की लिस्ट से हटवाने पर रूस और चीन सहमत हो गए।
इस चर्चा में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य रूस और चीन ने अफगान तालिबान को यूएन की प्रतिबंध की सूची से हटवाने के लिए मिलकर काम करने का फैसला किया है। रूस, चीन और पाकिस्तान के अधिकारियों की मंगलवार को मॉस्को में मीटिंग हुई। यह अधिकारी अफगानिस्तान के मसले पर ज्यादा संपर्क में रहने और दूसरे देशों को भी जोड़ने पर सहमत हो गए हैं।
 
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि तीनों देशों ने अफगानिस्तान में सुरक्षा की बिगड़ती स्थिति और इस्लामिक स्टेट के स्थानीय सहयोगियों समेत कट्टरपंथी संगठनों की बढ़ती गतिविधियों पर चर्चा की।
 
मॉस्को में हुई बातचीत के बाद जारी बयान में इसकी पुष्टि की गई है कि रूस और चीन यूएन की प्रतिबंध वाली सूची से अफगान तालिबान का नाम हटवाने पर नरम रुख रखेंगे। हालांकि, अफगानिस्तान ने इस बातचीत में खुद को अलग रखने का विरोध किया था। इस बातचीत में अफगानिस्तान में आईएसआई के बढ़ते प्रभाव पर भी चिंता जाहिर की गई है।
 
विज्ञप्ति में साथ ही कहा गया है कि संबद्ध देशों ने अफगान की अगुवाई वाले और अफगान के स्वामित्व में देश में शांति और सुलह की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अपने प्रयास जारी रखने को लेकर सहमत जतायी। अफगानिस्तान पर विशेष प्रतिनिधियों तथा तीनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों की क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श के तीसरे दौर की बैठक मॉस्को में आयोजित हुई।
 
उधर, अफगानिस्तान की एक न्यूज एजेंसी के हवाले से इस घटनाक्रम की जानकारी आई है। भारत में इस घटनाक्रम को चिंता के तौर पर देखा जा रहा है। भारत ने हाल में रूस का नाम लिए बिना तालिबान की नजदीकी के खतरों के प्रति चेताया था।

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