उन्होंने कहा कि संगठन पूरे क्षेत्र की समृद्धि के लिए जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, कृषि, ऊर्जा और विकास की समस्याओं पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकता है। क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य में अफगानिस्तान में शांति तथा स्थिरता में भी संगठन के प्रयासों से लाभ उठाया जा सकता है।
मोदी ने कहा कि हमारी सदस्यता के समर्थन के लिए मैं संगठन के सभी देशों का हार्दिक आभार प्रकट करता हूं। चीन, रूस, कजाखस्तान, किर्गिजस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान संगठन के संस्थापक सदस्य हैं। भारत वर्ष 2005 में संगठन में पर्यवेक्षक के तौर पर शामिल रहा है।