शोक जताने पहुंची हसीना, लेकिन खालिदा नहीं मिलीं

रविवार, 25 जनवरी 2015 (15:16 IST)
ढाका। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना विपक्षी नेता खालिदा जिया के सबसे छोटे बेटे के अचानक निधन पर शोक जताने खालिदा के घर गईं लेकिन उन्हें अपने घोर विरोधी के दरवाजे से लौटा दिया गया।
 
हसीना बीएनपी की प्रमुख खालिदा के दरवाजे पर इंतजार करती रहीं। बाद में उन्हें बताया गया कि डॉक्टरों ने खालिदा को सुला दिया है।
 
खालिदा के सबसे छोटे बेटे अराफात रहमान कोको का निधन कल मलेशिया में हो गया। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। खालिदा के छोटे भाई 45 वर्षीय आत्मनिर्वासित कोको का शव लाने रविवार तड़के मलेशिया रवाना हुए।
 
स्थानीय टेलीविजन चैनलों पर सीधा प्रसारित फुटेज में दिखाया गया है कि 67 वर्षीय हसीना की गाड़ियों का काफिला गुलशन इलाके में स्थित खालिदा के दफ्तर पर खड़ा है।
 
खालिदा के निजी सचिव शिमुल बिस्वास ने बताया कि अपने बेटे की त्रासद मौत की खबर पा कर वह बीमार हो गईं। हमने उन्हें दवा दी और वह सोने गई हैं। हमने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वह किसी और वक्त आएं क्योंकि वह सोई हुई हैं। इस बीच, खालिदा की एक प्रवक्ता ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री ने हसीना को धन्यवाद कहा है।
 
बहरहाल, हसीना के सहयोगियों ने इसपर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए इस बर्ताव को अमानवीय कहा।
 
हसीना के सूचना मामलों के सलाहकार इकबाल सुबहान चौधरी ने कहा कि उन्होंने सभी प्रोटोकाल तोड़े। वह एक प्रधानमंत्री के रूप में, एक नेता के रूप में और एक मां के रूप में एक मां को दिलासा दिलाने के लिए यहां आईं जिसने अपना बेटा खोया है। वह वहां पांच मिनट खड़ी रहीं, लेकिन उन्हें प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी गई।
 
दोनों नेताओं की आपसी मुलाकात 2009 में हुई जब खालिदा हसीना के पति वाजिद मियां के निधन पर उनके घर गई थीं। (भाषा)

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