sheikh hasina: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने गुरुवार को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ-साथ पूर्व मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों का राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया है। अंतरिम सरकार ने यह कदम विद्यार्थियों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा इस्तीफा देने और भारत चले जाने के लगभग 2 सप्ताह बाद उठाया है।
सरकारी समाचार एजेंसी बीएसएस की खबर के मुताबिक गृह मंत्रालय के सुरक्षा सेवा प्रभाग ने एक बयान जारी कर बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री के सलाहकारों, पूर्व मंत्रिमंडल के सदस्यों और हाल में भंग की गई संसद के सभी सदस्यों को मिले राजनयिक पासपोर्ट तत्काल रद्द कर दिए जाएंगे।
राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने अगस्त में 76 वर्षीय हसीना के देश छोड़कर चले जाने के बाद 12वीं संसद को भंग कर दिया था। वर्तमान में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं।
बयान में कहा गया है कि अधिकारियों के राजनयिक पासपोर्ट भी उनके कार्यकाल या नियुक्ति समाप्त होने पर तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए जाएंगे। छात्रों के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के कारण पांच अगस्त को इस्तीफा देने के बाद हसीना भारत आ गई थीं।
ढाका से प्रकाशित अखबार डेली स्टार की खबर के मुताबिक भारतीय वीजा नीति के अनुसार राजनयिक या आधिकारिक पासपोर्ट रखने वाले बांग्लादेशी नागरिक वीजा-मुक्त प्रवेश करने और 45 दिन तक रहने के पात्र हैं। गुरुवार को हसीना के भारत में रहते 18 दिन हो गए हैं।
क्या बांग्लादेश होगा हसीना का प्रत्यर्पण : कहा जा रहा है कि हसीना के पास उनके नाम से जारी राजनयिक पासपोर्ट के अलावा कोई अन्य पासपोर्ट नहीं है। हसीना के राजनयिक पासपोर्ट और उससे संबंधित वीजा विशेषाधिकारों को रद्द करने से उन्हें प्रत्यर्पित किये जाने की आशंका बढ़ सकती है।
हसीना के खिलाफ सिर्फ हत्या के 42 मामले दर्ज हो चुके हैं। ऐसे में हसीना का प्रत्यर्पण बांग्लादेश और भारत के बीच हस्ताक्षरित प्रत्यर्पण संधि के कानूनी ढांचे के तहत आता है।
क्या होता है राजनयिक पासपोर्ट : उल्लेखनीय है कि राजनयिक पासपोर्ट विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किया जाने वाला एक प्रकार का अंतरराष्ट्रीय पहचान दस्तावेज है। यह राजनयिकों की स्थिति को परिभाषित करता है और उन्हें विशेषाधिकार प्रदान करता है।
Edited by : Nrapendra Gupta