ब्रिक्स को 'ज्वलंत मुद्दों' के समाधान में कूटनीतिक मूल्यों को बनाए रखना चाहिए: जिनपिंग
सोमवार, 4 सितम्बर 2017 (07:34 IST)
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रविवार को जोर दिया कि ब्रिक्स देशों को ‘ज्वलंत मुद्दों’ के समाधान में कूटनीतिक मूल्यों को बनाए रखना चाहिए। उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाले पांच देशों का ब्रिक्स शिखर सम्मेलन कल से यहां शुरू हो रहा है।
शी ने हाल ही में भारत के साथ डोकलाम में हुए गतिरोध का सीधे उल्लेख नहीं किया लेकिन कहा कि मुद्दों के हल का आधार ‘शांति और विकास’ होना चाहिए क्योंकि विश्व ‘संघर्ष और टकराव’ नहीं चाहता। उन्होंने कहा, ‘हम ब्रिक्स देशों को वैश्विक शांति और स्थायित्व बरकरार रखने की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।'
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां पहुंच गए हैं। मोदी और शी के बीच मंगलवार को मुलाकात होने की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच 73 दिन तक चले डोलकाम गतिरोध के समाप्त होने के करीब एक सप्ताह बाद मुलाकात की बात सामने आई है। अधिकारियों के मुताबिक दोनों नेता पांच सितंबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात करेंगे। इसके बाद मोदी द्विपक्षीय यात्रा पर म्यांमा जाएंगे।
शी ने ब्रिक्स व्यापार परिषद के उद्घाटन के दौरान ब्रिक्स देशों को भूराजनीतिक ज्वलंत मुद्दों के हल में रचनात्मक भूमिका अदा करने और अपना योगदान देने के मांग की।
माना जा रहा है कि शिखर सम्मेलन के दौरान भारत आंतकवाद का मुद्दा उठा सकता है जिसमें मोदी शांति और सुरक्षा के बनाए रखने और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए सदस्य देशों को महत्वपूर्ण योगदान देने पर जोर दे सकते हैं।
प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार से जब चीन की इस टिप्पणी के बारे में पूछा गया कि ब्रिक्स सम्मेलन में पाकिस्तान के आतंकवाद निरोधक रिकार्ड की चर्चा करना उपयुक्त नहीं होगा, उन्होंनें कहा कि वह पहले से यह अनुमान नहीं लगा सकते कि मोदी सम्मेलन के सीमित और पूर्ण सत्र के दौरान क्या बोलेंगे। लेकिन प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवाद पर भारत का रुख बड़ा स्पष्ट रहा है और वह विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर यह मुद्दा उठाता रहा है।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने सम्मेलन से पहले कहा था, ‘हमने नोटिस किया कि जब भी पाकिस्तान का आतंकवाद निरोधक विषय आता है तो भारत की कुछ चिंता रहती है। मैं नहीं समझती कि यह ब्रिक्स सम्मेलन में चर्चा करने का उपयुक्त विषय है।’ सूत्रों के हिसाब से भारत आतंकवाद पर अपनी चिंता रख सकता है।
कल मोदी ने एक बयान में कहा था, ‘भारत ब्रिक्स की भूमिका को बहुत महत्व देता है जिसने प्रगति एवं शांति के लिए अपनी साझेदारी का दूसरा दशक शुरु किया है। ब्रिक्स को वैश्विक चुनौतियों के समाधान में तथा वैश्विक शांति एवं सुरक्षा अक्षुण्ण रखने में अहम योगदान देना है।’
शिखर सम्मेलन में मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी सहित अन्य नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। चीन ने मिस्र, मेक्सिको, गिनी, थाइलैंड और ताजिकिस्तान को ‘ब्रिक्स प्लस’ कवायद के तहत शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है। (भाषा)