Sri Lanka Political Crisis: गुस्साई भीड़ सड़कों पर आई, अब श्रीलंका में बनेगी सर्वदलीय सरकार, पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने दिया इस्तीफा, आवास छोड़कर भागे राष्ट्रपति

शनिवार, 9 जुलाई 2022 (20:05 IST)
कोलंबो/ नई दिल्ली। श्रीलंका में प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लेने से उत्पन्न स्थिति के बीच प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं ने मांग की है कि उन्हें और राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को इस्तीफा दे देना चाहिए।

खाड़ी क्षेत्र के प्रमुख अखबार खलीज टाइम्स की एक रिपोर्ट में विक्रमसिंघे के कार्यालय के बयान के हवाले से कहा गया है कि प्रधानमंत्री पार्टी नेताओं की सलाह पर पद से हटने को तैयार हो गए हैं। आर्थिक संकट और महंगाई से जूझ रहे श्रीलंका में इस समय अस्थिरता का माहौल है।

कोलंबो में प्रदर्शनकारी इस हालात के लिए गोटाबाया को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके इस्तीफे की मांग की। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने गोटाबाया के आधिकारिक निवास और कार्यालय में घुसकर उस पर कब्जा कर लिया है। कर्ज से डूबे श्रीलंका के पास ईंधन और खाद्य वस्तुएं आयात करने के लिए विदेशी मुद्रा नहीं है। भारत और जापान जैसे देशों ने श्रीलंका की तात्कालिक सहायता की है लेकिन वहां की वित्तीय स्थिति संभल नहीं रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की बैठक में श्रीलंका कर्ज सहायता उपलब्ध कराने में प्राथमिकता दिए जाने की अपील की थी।
भारत ने श्रीलंका को इमदाद के तौर पर हाल में ईंधन और अनाज की भी आपूर्ति की है। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी  बैरिकेड तोड़कर राजपक्षे के आवास और पास के कार्यालय में एक ऐसे नेता के खिलाफ अपना गुस्सा निकालने के लिए घुस गए, जिसे वे देश के सबसे खराब आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार मानते हैं। इमारत के अंदर के वीडियो फुटेज में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को कमरों और गलियारों के भीतर, जबकि सैकड़ों लोगों को बाहर के मैदान के आसपास देखा गया।
कुछ वीडियो क्लिप में बड़ी संख्या में लोग राष्ट्रपति भवन के स्विमिंग पुल में डुबकी लगाते नजर आ रहे हैं। लोगों की भीड़ ने राजपक्षे को भागने के लिए मजबूर किया गया और उन्हें एक अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। कुछ रिपोर्ट में तो यहां तक ​​कह दिया कि वे देश छोड़कर भाग गए हैं। विक्रमसिंघे ने दिन में अपने मंत्रिमंडल की आपात बुलाई थी। बैठक में राष्ट्रपति भवन पर प्रदर्शनकारियों के कब्जे और राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के अपने आधिकारिक निवास से निकल जाने के बाद की स्थिति की समीक्षा की।

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