इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे की सरकार ने संयुक्त राष्ट्र की सिफारिशों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि वह किसी भी अंतरराष्ट्रीय दबाव के बिना संबंधित अधिकारों की चिंताओं को दूर करना चाहता था। इसके बाद जनवरी 2015 में राजपक्षे सत्ता से बेदखल हो गए थे।