Former Union Minister MJ Akbar News : यूरोप के 6 देशों के लिए भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के अपनी यात्रा प्रारंभ करने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने सोमवार को कहा कि सैन्यवादी शासन के नियंत्रण वाली परमाणु शक्ति द्वारा समर्थित बर्बर आतंकवाद विश्व शांति के लिए सबसे बड़ा खतरा है। अकबर भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाले 9 सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, जो आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई और ऑपरेशन सिंदूर के महत्व पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय तक अपनी बात पहुंचाने के लिए यूरोप की यात्रा पर है।
अकबर ने कहा कि फ्रांस के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास को दर्शाती है। यह प्रतिनिधिमंडल सीनेट और नेशनल असेंबली, थिंक टैंक और विभिन्न भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करेगा, ताकि पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले के मद्देनजर आतंकवाद को कतई न सहने के भारत के रुख को दोहराया जा सके। पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी।
अकबर ने कहा, विश्व शांति के लिए सबसे बड़े खतरे के खिलाफ लड़ाई में भारत प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अग्रणी बन गया है और मैं अपने शब्दों का चयन सावधानी से कर रहा हूं। यह खतरा परमाणु शक्ति द्वारा समर्थित बर्बर आतंकवाद है, जबकि यह परमाणु शक्ति सैन्यवादी शासन के हाथों में है।
अकबर ने कहा, यह सम्मिश्रण एक खतरे का प्रतिनिधित्व करता है, जिसे लेकर अगर दुनिया नहीं जागती है, अगर दुनिया उसे सफलतापूर्वक नहीं समझती है, तो सरकारें अपने लोगों के साथ अन्याय करेंगी, क्योंकि यह खतरा केवल उपयोग तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक अंतरराष्ट्रीय खतरा है।
टिंडरबॉक्स: द पास्ट एंड फ्यूचर ऑफ पाकिस्तान के लेखक अकबर ने पाकिस्तान को सरकार-प्रायोजित आतंकवाद का उपयोग करने वाला पहला देश बताया। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि सरकार प्रायोजित आतंकवाद का इस्तेमाल करने के परिणाम कभी नहीं बदलेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भारत आतंकवाद से कभी नहीं डरेगा।
भारत-फ्रांस द्विपक्षीय संबंधों पर अकबर ने कहा, द्विपक्षीय संबंधों के सुरक्षा आयाम की मजबूती विश्वास का सबूत है। मजबूत विश्वास के बिना आप सुरक्षा संबंध नहीं बना सकते। उन्होंने कहा, इसलिए, फ्रांस में हमारी बातचीत बेहद उत्पादक होगी। हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं, जिसके बारे में फ्रांस समझता है कि यह केवल भारत की समस्या नहीं है, बल्कि यह फ्रांस की भी समस्या है और आतंकवाद के खिलाफ इस युद्ध में आपसी सहयोग दोनों पक्षों के लिए आवश्यक है।
यह बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल, ऑपरेशन सिन्दूर के बाद अंतरराष्ट्रीय संपर्क पहल के तहत सातवां समूह है, जिसमें सांसद दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, प्रियंका चतुर्वेदी, गुलाम अली खटाना, डॉ. अमर सिंह, सामिक भट्टाचार्य और एम. थंबीदुरई तथा पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार राजदूत पंकज सरन शामिल हैं। फ्रांस के बाद यह प्रतिनिधिमंडल ब्रिटेन, जर्मनी, यूरोपीय संघ, ईटली और डेनमार्क जाएगा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour