यह मिशन 100 या उससे अधिक दिनों तक चलेगा। यह गुब्बारा दक्षिणी गोलार्ध में 33.5 किमी की ऊंचाई पर रहेगा। नासा के बलून प्रोग्राम ऑफिस के प्रमुख डेबी फेयरब्रदर ने कहा, वर्ष 2015 और 2016 के हमारे न्यूजीलैंड मिशन के बाद हम बलून डिजाइन से जुड़े अहम सबक सीख गए हैं, इनसे इस साल की उड़ान के लिए प्रौद्योगिकी को उत्कृष्ट बनाया जा सका है।
फेयरब्रदर ने कहा, मुझे उस दल पर बहुत गर्व है, जो हमें इस बिंदु तक लेकर आया है। मुझे उम्मीद है कि यह तीसरा मौका 100 दिन की उड़ान को हकीकत में बदलने के लिहाज से अच्छा साबित होगा। (भाषा)