उन्होंने कहा कि गोमुख से निकलने और गंगा सागर जहां यह समुद्र में गिरती है, तक पहुंचने में गंगा पवित्र बनी रहती है। उसने सहायक नदियों को पावन बनाया जिनको गंगा की प्रकृति मिली। इसी तरह संस्कृत है जो स्वयं तो पवित्र है ही और अन्य जो भी उसके संपर्क में आया, उन सभी को पवित्र बनाया।
उन्होंने कहा कि मौजूद समय में आप जानते हैं कि वैज्ञानिकों का विचार है कि भाषा पहचान, अनुवाद, साइबर सुरक्षा और कृत्रिम खुफिया सेवा के दूसरे क्षेत्र के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने में संस्कृत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। (भाषा)