अब सुषमा का हमला, मुस्लिम देशों के बीच भारत ने पाकिस्तान को घेरा

शुक्रवार, 1 मार्च 2019 (14:29 IST)
अबू धाबी। ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (OIC) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए परोक्ष रूप से कहा कि आतंकवाद को पनाह देने वाले देशों को रोकना होगा। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और चरमपंथ एक ही सिक्के के दो पहलू। आतंकवाद की पहुंच बढ़ गई है और इसकी वजह से पूरी दुनिया खतरे में है। सुषमा इस बैठक में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुई हैं। दूसरी ओर भारत को न्योता देने से नाराज पाकिस्तान ने इस बैठक का बहिष्कार किया है।
 
 
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ओआईसी की बैठक में शुक्रवार को आतंकवाद का मुद्दा उठाया और कहा कि यह महामारी ‘धर्म को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और भ्रमित आस्था’ के कारण पनपती है। इस दो दिवसीय बैठक के उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुई स्वराज ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘ऐसा हो भी नहीं सकता।’
 
 
स्वराज ने अपने संबोधन में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया। 57 सदस्यीय इस्लामिक समूह की बैठक में स्वराज ने कहा, ‘जैसे की इस्लाम का मतलब अमन है और अल्लाह के 99 नामों में से किसी का मतलब हिंसा नहीं है। इसी तरह दुनिया के सभी धर्म शांति, करुणा और भाईचारे का संदेश देते हैं।’ प्रमुख मुस्लिम देशों के नेताओं से स्वराज ने कहा, ‘आतंकवाद और चरमपंथ के नाम अलग-अलग हैं। वे विभिन्न कारणों का हवाला देते हैं। लेकिन अपने मंसूबों में कामयाब होने के लिए वे धर्म को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं और भ्रमित आस्थाओं से प्रेरित होते हैं।’
 
 
स्वराज जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच उत्पन्न तनाव की पृष्ठभूमि में इस बैठक में हिस्सा ले रही हैं। जैश-ए-मोहम्मद द्वारा 14 फरवरी को किए गए इस आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। भारत को 57 इस्लामिक देशों के समूह ने पहली बार अपनी बैठक में आमंत्रित किया है। स्वराज को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।
 
 
...और पाकिस्तान में तनातनी : दूसरी ओर विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में भारत को आमंत्रित नहीं करने के पाकिस्तान के आग्रह को ठुकराए जाने और इस सम्मेलन का बहिष्कार करने के सरकार के कदम पर पाकिस्तान का सत्ता पक्ष और विपक्ष बंटा नजर आ रहा है। इमरान सरकार ने कहा है कि वह अबू धाबी में ओआईसी के 46वें अधिवेशन में हिस्सा नहीं लेगी, जबकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने पाकिस्तान के इसका संस्थापक सदस्य होने के नाते बैठक में हिस्सा लेने की वकालत की है।
 
 
पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने शुक्रवार को कहा कि वह बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि समूह ने स्वराज को भेजा गया न्योता रद्द नहीं किया है। कुरैशी ने गुरुवार को कहा था, ओआईसी हमार घर है इसलिए वह वहां जाएंगे, लेकिन स्वराज के साथ कोई बातचीत नहीं होगी।
 
 
गौरतलब है कि दो दिन की यह बैठक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबू धाबी में शुक्रवार को शुरू हुई है। पाक विदेश मंत्री शाह मेहमूद कुरैशी ने शुक्रवार को संसद के संयुक्त सत्र में घोषणा की कि पाकिस्तान अबू धाबी में ओआईसी के अधिवेशन में हिस्सा नहीं लेगा। बुधवार को पाकिस्तान ने ओआईसी को आधिकारिक रुप से सूचित किया था कि अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में यदि भारतीय विदेश मंत्री को सम्मानित अतिथि के तौर पर बुलाया गया तो वह अधिवेशन का बहिष्कार करेगा।
 

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