चीन-भारत संबंधों पर सुषमा का छह सूत्री मॉडल

रविवार, 1 फ़रवरी 2015 (09:09 IST)
बीजिंग। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एशियाई सदी में कार्योन्मुखी अवधारणा के साथ चीन-भारत संबंधों की नई शुरुआत के लिए छह सूत्री ‘मॉडल’ प्रस्तावित किया।
 
चीन की अपनी पहली यात्रा पर पहुंचीं सुषमा ने भारत-चीन मीडिया फोरम को संबोधित करते हुए प्रस्तावित किया कि दोनों देशों को कार्योन्मुखी रूख, व्यापक आधार वाले द्विपक्षीय रिश्ते, सामान्य, क्षेत्रीय और वैश्विक हितों को साथ लेकर चलना चाहिए और सहयोग के नए क्षेत्रों के विकास, रणनीति संपर्क के विस्तार के साथ एशियाई सदी का परिचय कराने के लिए समान आकांक्षाओं को पूरा करना चाहिए।
 
यह रेखांकित करते हुए कि उनकी यात्रा भारत में निर्णायक जनमत के साथ नई सरकार आने के मद्देनजर हो रही है, सुषमा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत सरकार ने युवा, जोश से भरी और उद्यमशील पीढ़ी की आकांक्षा को आगे बढ़ाया है।
 
उन्होंने कहा, 'पिछले आठ महीने का रिकॉर्ड इस बात का सबूत है कि मेरे देश में तेजी से बदलाव जारी हैं जो आधुनिकता की हमारी यात्रा को तेज करेगा।'  

भारत में मजबूत सरकार के परिप्रेक्ष्य में सुषमा ने कहा कि मोदी पहले ही चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ तीन बैठकें कर चुके हैं और प्रधानमंत्री ली केकियांग से मिल चुके हैं। चीन के साथ भारत के संबंधों के महत्व को रेखांकित करते हुए सुषमा ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यभार संभालने के बाद चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत द्वारा आमंत्रित की जाने वाली पहली विदेशी हस्ती थे।
 
दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों के मुद्दे पर सुषमा ने कहा, 'हमने सीमा सहित अपने रक्षा संपर्कों और आदान प्रदान पर महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है।'
 
उन्होंने कहा, 'इससे वहां शांति एवं अमन स्थापित करने में मदद मिलती है जो हमारे संबंधों के आगे के विकास के लिए अत्यावश्यक है। सीमा मुद्दे पर मेरी सरकार जल्द समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है।'
 
यह उल्लेख करते हुए कि संबंध, द्विपक्षीय संबंधों से आगे बढ़ गए हैं, सुषमा ने कहा कि दोनों देश अब ब्रिक्स और बेसिक जैसी बहुपक्षीय इकाइयों का हिस्सा हैं।
 
सुषमा ने कहा कि महत्वपूर्ण पड़ोसियों के साथ संबंधों को दोनों देशों के लोगों से मजबूत और व्यापक समर्थन की आवश्यकता है।
 
विदेश मंत्री ने कहा, 'यह तर्कसंगत है कि इसीलिए हमने लोगों से लोगों के बीच संपर्क मजबूत करने में अपनी उर्जा लगाई है। इस यात्रा के दौरान मैं उस क्षेत्र को कई तरीकों से आगे ले जाने की उम्मीद करती हूं।
 
सुषमा ने कहा कि वह '2015: विजिट इंडिया ईयर इन चाइना' लांच करेंगी। उन्होंने कहा, 'पर्यटन लोगों से लोगों के बीच समझ को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावी माध्यम है और दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि हमें इस संबंध में मजबूत प्रयास करने की आवश्यकता है।'
 
उन्होंने यह भी कहा कि शी की यात्रा के दौरान हुई सांस्कृतिक आदान प्रदान की पहल फिलहाल प्रगति पर है।
 
सुषमा ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों की एक 'महत्वपूर्ण प्रकृति' आर्थिंक संबंधों को विस्तारित कर रही है।
 
उन्होंने कहा कि व्यापार एवं व्यापारिक वस्तुओं में आज चीन हमारा सबसे बड़ा भागीदार है। दोनों देश एक-दूसरे के यहां निवेश करने आ रहे हैं। कनेक्टिविटी को मजबूत करने वाली गंभीर वार्ता शुरू हो चुकी है। उस आधार पर हम अपने आर्थिक सहयोग को गुणात्मक रूप से नई उंचाई पर ले जाना चाहते हैं।

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