वुजेन। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई करने के ठीक अगले ही दिन बुधवार को भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वस्त किया कि वह इस्लामाबाद के साथ तनाव को और नहीं बढ़ाना चाहता है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट रूप से पूरी दुनिया को पाकिस्तान स्थित आतंकी कैंपों पर हमले की वजह भी बता दी।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन के वुजेन शहर में रूस-भारत-चीन(आरआईसी) समूह के विदेश मंत्रियों की 16वीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा, यह (बालाकोट कार्रवाई) सैन्य अभियान नहीं था, किसी भी सैन्य प्रतिष्ठान को निशाना नहीं बनाया गया है। इस कार्रवाई का सीमित उद्देश्य आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों के खिलाफ निर्णायक कदम उठाना था। भारत तनाव को और नहीं बढ़ाना चाहता है। भारत लगातार जिम्मेदारी और संयम के साथ काम करता आ रहा है।
सुषमा स्वराज ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद की भूमिका (पुलवामा घटना में) स्वीकार करने से पाकिस्तान के लगातार इनकार के बाद ही भारत सरकार ने यह कदम उठाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि निशाना सबसे बड़े आतंकवादी शिविर को बनाया गया और किसी भी नागरिक को हताहत नहीं होने दिया गया।
भारतीय विदेशमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 जनवरी को हुआ आतंकवादी हमला सभी देशों के लिए आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस अपनाने की जरूरत के वास्ते एक भयानक चेतावनी थी।
इससे पहले श्रीमती स्वराज ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। यहां रूस, भारत और चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की 16वीं रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बैठक में विचार-विमर्श के एजेंडे में आतंकवाद का मुद्दा सबसे ऊपर होगा।
मंगलवार को पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ भारत की एक बड़ी कार्रवाई के बाद यह विदेश मंत्री स्वराज की पहली विदेश यात्रा है। आरआईसी की त्रिपक्षीय बैठक के अलावा स्वराज की रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की भी संभावना है।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार आरआईसी की बैठक में वैश्विवक स्थति, क्षेत्रीय घटनाक्रम, आतंकवाद जैसे वैश्विक मुद्दे और त्रिपक्षीय आदान-प्रदान और गतिविधियों पर चर्चा होगी आरआईसी के विदेश मंत्रियों की पिछली बैठक 11 दिसंबर 2017 को नई दिल्ली में हुई थी।
गौरतलब है कि 14 फरवरी को आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे। वहीं मंगलवार, 26 फरवरी को तड़के भारत ने पाकिस्तान के भीतर हवाई हमला कर कई बड़े आतंकवादी शिविरों को तबाह कर दिया।
भारतीय वायुसेना के 12 मिराज-2000 लड़ाकू विमानों ने मंगलवार तड़के नियंत्रण रेखा (LoC) पार करके पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों को तबाह कर दिया। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के ठीक 13 दिन बाद वायुसेना ने यह बड़ी कार्रवाई की। वायुसेना के इस हमले को सर्जिकल स्ट्राइक-2 का नाम दिया गया है।