पाक को अमेरिका का झटका, सैयद सलाहुद्दीन अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित

सोमवार, 26 जून 2017 (00:15 IST)
वॉशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा में भारत को एक बड़ी कामयाबी मिली है। अमेरिका ने आज पाकिस्तान की जमीन पर रहकर आतंकी संगठन चलाने वाले हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन  को अंतरराष्ट्रीय आंतकी (ग्‍लोबल टेरिरिस्‍ट) घोषित कर दिया। इस घोषणा से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की किरकिरी हुई है। अमेरिका पहले ही हिजबुल को आंतकी संगठन घोषित कर चुका था और आज उसके मुखिया को भी 'ब्लैकलिस्ट' घोषित कर दिया गया।
नरेंद्र मोदी और अमेरीकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड के बीच होने वाली बैठक से कुछ घंटे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने उक्त घोषणा करके बाकायदा नोटिफिकेशन जारी करते हुए इसका उल्लेख किया है कि सलाहुद्दीन  कश्मीर में कई हमलों को अंजाम दे चुका है। अब उससे अमेरिका का कोई भी व्यक्ति संबंध नहीं रख सकता है। वह ग्‍लोबल टेरिरिस्ट है। 
 
संपत्ति होगी जब्त :  अमेरिका की इस घोषणा के बाद किसी भी अमेरिकी नागरिक के सलाहुद्दीन के साथ किसी तरह के लेन-देन पर पाबंदी होगी और अमेरिकी न्यायिक क्षेत्र के तहत आने वाली सलाहुद्दीन की सारी संपत्ति जब्त हो जाएगी। अमेरिका के मुताबिक सलाहुद्दीन आत्मघाती हमलावर तैयार करता है और वह कश्मीर में शांति प्रक्रिया में बाधक है।  हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन  को अंतरराष्ट्रीय आंतकी घोषित करने के अमेरिका के फैसले से भारत की यह बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत हुई है और आतंक को पोषित करने वाला पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने शर्मसार हुआ है।  
 
यूएस स्‍टेट डिपार्टमेंट ने इस संबंध में जारी मीडिया नोट में स्‍पष्‍ट किया है कि मोहम्‍मद यूसुफ उर्फ सैयद सलाहुद्दीन  को ग्‍लोबल टेरिरिस्‍ट घोषित किया जाता है। मोदी और ट्रंप के बीच पहली मुलाकात से ठीक पहले सैयद सलाहुद्दीन  को ग्‍लोबल टेरिरिस्‍ट घोषित किया जाना, दोनों देशों के लिए बेहद अहम है। 
 
अमेरिका के लिए भी खतरा बना सलाहुद्दीन  अमेरिका इस ग्‍लोबल टेरिरिस्‍ट लिस्‍ट में उन लोगों को डालता है, जिनसे अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा, अमेरिकी अर्थव्‍यवस्‍था और उसकी विदेश नीति को खतरा होता है। मीडिया नोट में लिखा गया है कि सलाहुद्दीन ने भारत पर हुए कई आतंकी हमलों की जिम्‍मेदारी ली है और वह लंबे समय से आतंकी गतिविधियों में लिप्‍त रहा है। 
 
कौन है सैयद सलाउद्दीन : सैयद सलाहुद्दीन  मूल रूप से जम्मू एवं कश्मीर के बडगाम का रहने वाला है। वह साल 1987 में जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा भी लड़ चुका है, जिसमें उसे हार का मुंह देखना पड़ा था। इसके बाद वह पाकिस्तान भाग गया था। हिजबुल मुजाहिदीन का यह सरगना युनाइटेड जिहाद काउंसिल का भी सरगना है।  जिहाद काउंसिल के तहत कई आतंकी संगठन आते हैं, जो कि कश्‍मीर में आतंकी गतिविधियां फैलाने में संलग्‍न हैं। जम्मू-कश्मीर में लगातार बिगड़ते हालात के बीच सैयद सलाउद्दीन ने आज (26 जून) को कहा कि वे बुरहान वानी की बरसी मनाएंगे और पूरे एक हफ्ते तक प्रदर्शन करेंगे लेकिन आज अमेरिका द्वारा सलाहुद्दीन पर नकेल कसने से उसे ही नहीं बल्कि उसके पूरे संगठन को करारा झटका लगा है।

अमेरिकी के कदम का भारत ने किया स्वागत : अमेरिका द्वारा सैयद सलाहुद्दीन को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के कदम का भारत ने स्वागत करते हुए कहा कि यह इस बात को मजबूती से रेखांकित करता है कि दोनों देश आतंकवाद के खतरे का सामना करते हैं।
 
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हिजबुल मुजाहिदीन के एक बड़े नेता के तौर पर सलाहुद्दीन या सैयद मोहम्मद यूसुफ शाह ने सितम्बर 2016 में कश्मीर मुद्दे के किसी भी शांतिपूर्ण समाधान को बाधित करने की कसम खायी थी। उसने और कश्मीरी आत्मघाती हमलावरों को प्रशिक्षित करने और कश्मीर घाटी को 'भारतीय बलों की कब्रगाह बनाने' की कसम खाई थी।
 
विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हिजबुल मुजाहिदीन के बड़े नेता के रूप में सलाहुद्दीन के कार्यकाल में उसके संगठन ने कई हमलों की जिम्मेदारी ली है जिनमें जम्मू कश्मीर में अप्रैल 2014 का विस्फोट भी शामिल है, जिसमें 17 लोग घायल हो गए थे।' भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा, भारत इस अधिसूचना का स्वागत करता है। इसमें स्प्ष्ट रूप से यह रेखांकित किया गया है कि भारत और अमेरिका आतंकवाद के खतरे का सामना करते हैं।

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