जार्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलोजी के स्कूल ऑफ अर्थ एंड एटमोसफेरिक साइंसेज के प्रोफेसर माइकल बर्गिन ने कहा, हमारी टीम यह दर्शाने में सफल रही है कि ताजमहल को बदरंग कर रहे प्रदूषक बायोमास, अपशिष्ट, जीवाश्म ईंधन के जलने से निकलने वाले कार्बन कण और धूलकण हैं।
बदरंग होने की वजह जानने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने नवंबर, 2011 से जून, 2012 के बीच एयर सैम्पलिंग उपकरण का इस्तेमाल किया ताकि यह पता चल पाया कि ताजमहल परिसर के वायु में क्या है।