टीचर ने अपना नाम पूरी वर्णमाला रखा

एक टीचर अपना नाम बदलने के लिए दो वर्ष से कानूनी लड़ाई लड़ रही है। ऐसा करने का जो कारण बताती है, वह भी कम विचित्र नहीं है। यह पागलपन से कम नहीं है लेकिन उसका कहना है कि वह एक ऐसा नाम रखना चाहती थी जो कि लिखने, पढ़ने और सुनने में बहुत कठिन हो। इसलिए उसने अपना नाम वर्णमाला के सभी 26 अक्षरों को मिलाकर बनाया है। 
 
यह 36 वर्षीय महिला अपने मूड के हिसाब से अपने आप को लगातार बदलने के उपाय करती रही है। इतना ही नहीं, अपना नाम बदलना भी उसकी आदत रही है। लेकिन यह बदलाव उसके लिए बहुत ही कष्टसाध्य साबित हो रहा है। महिला का पहले नाम लेडीजुंगा साइबर्ग था, लेकिन अब वह अधिकारियों से कह रही है कि उसे नया नाम रखने की अनुमति दी जाए। 
 
कोलम्बिया की राजधानी बोगोटा में एक अध्यापक का कहना है कि मैंने नाम बदले हैं ताकि लोग जान ना सकें कि मैं कौन हूं। ऐसा नहीं है कि मैं मानसिक तौर पर अस्वस्थ हूं लेकिन मैं हमेशा ही अपने साथ आश्चर्य का तत्व रखना चाहती हूं। विदित हो कि 'एबीसीडी' तीन विश्वविद्यालयों में आर्ट और फोटोग्राफी पढ़ाती हैं। इसके अलावा, वे एक फैशन डिजाइनर भी हैं।
 
कोलम्बियन नेशनल रजिस्ट्री से जुड़े डैनियल मोलानो का कहना है कि अगर सिविल नोटरी ने सिविल ‍रजिस्ट्री में उसका नाम बदलने से इनकार कर दिया तो उन्हें उसकी नौकरियों को समाप्त करना होगा। हालांकि यह कितना ही असामान्य क्यों ना हो लेकिन यह ऐसी बात है जिसकी अनुमति दी जानी चाहिए।
 

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