अफगानिस्तान में भारत के हितों को निशाना बना रहे हैं आतंकी समूह

शनिवार, 23 जुलाई 2016 (17:33 IST)
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत ने कहा है कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अलकायदा जैसे पाकिस्तान के आतंकी समूह अफगानिस्तान में भारत के हितों और लक्ष्यों को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे काबुल और इस्लामाबाद के बीच कबीलियाई इलाकों में सुरक्षित पनाहगार बनाने जैसे अपने दूसरे इरादों को अंजाम दे रहे हैं।
अफगानिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मेहमूद सैकल ने शुक्रवार को विदेशी आतंकवादियों पर आतंकनिरोधी समिति को जानकारी देते हुए बताया कि कि अफगानिस्तान में क्षेत्रीय आतंकी समूहों ने तालिबान के आतंकी समूहों के साथ अपने साझा लक्ष्यों और हितों के लिए हाथ मिला लिया है। 
 
इन समूहों में लश्कर-ए-तैयबा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, जैश-ए-मोहम्मद, अल कायदा और लश्कर-ए-इस्लाम, सिपाह-ए-साहबा, इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान और ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट शामिल है।
 
उन्होंने कहा कि ये इस्लामी समूह अफगानिस्तान की सुरक्षा और स्थिरता के समक्ष कूटनीतिक खतरा पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये आतंकी समूह अफगानिस्तान में चुनिंदा लक्ष्यों को साधने की कोशिश कर रहे हैं। उनमें शामिल हैं- इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान में नई जान डालना, अफगानिस्तान में भारत के हितों और लक्ष्यों को नुकसान पहुंचाना और क्षेत्र तथा दुनिया में सक्रिय अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्कों के साथ रणनीतिक गठबंधन बनाना। 
 
सैकल ने बताया कि अफगानिस्तान में 6,100 विदेशी लड़ाके हैं और इनमें से ज्यादातर पूर्वी तथा उत्तर-पूर्वी प्रांतों में हैं। इनमें से 1,800-2,000 लड़ाकों की आईएसआईएस के प्रति निष्ठा है।
 
सैकल ने पाकिस्तान के सरकारी तत्वों पर क्षेत्र में सक्रिय आतंकी समूहों को मदद देने का आरोप लगाया। उन्होंने चेतावनी दी कि एक-दूसरे के खिलाफ अच्छे-बुरे आतंकियों का इस्तेमाल करना आग से खेलने के समान है। (भाषा)

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