#H1Bvisa के दुरुपयोग पर सख्त ट्रंप प्रशासन, भारतीयों को लग सकता है झटका

Webdunia
मंगलवार, 4 अप्रैल 2017 (10:47 IST)
वाशिंगटन। सोमवार को  ट्रंप प्रशासन ने एच -1बी वीजा जारी करने पर सख्त मानदंडों को लागू करना शुरू कर दिया। दरअसल ट्रंप प्रशासन का मानना है कि 'गेस्ट वर्कर वीजा' कार्यक्रम में समस्याएं हैं। पिछली सरकार को दोष देते हुए ट्रंप प्रशासन का कहना है कि पिछला अमेरिकी प्रशासन इस मामले में सुस्त था।
 
नागरिक अधिकार प्रभाग के सहायक अटॉर्नी जनरल टॉम व्हीलर ने कहा, 'न्याय विभाग एच -1बी वीजा प्रक्रिया का दुरुपयोग कर अमेरिकी श्रमिकों के साथ भेदभाव करने वालों को बर्दाश्त नहीं करेगा।' अमेरिकी श्रमिकों को अपमानित स्थिति में नहीं रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग पूरे दिल से इन दावों की जांच और सख्त कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।
 
एक प्रमुख भारतीय अंग्रेजी दैनिक टाइम्स की खबर के मुताबिक एक अलग वीजा जारी करने में शामिल एजेंसी यूएससीआईएस ने एच- 1बी की याचिकाओं को तय करने में नौकरशाही नियमों को कसने के लिए एक अधिसूचना जारी की है।
 
अधिसूचना जारी कर आवेदकों से कहा गया है कि वे केवल अपनी डिग्री पेश करने के बजाय अधिक सबूत और पेपर वर्क पेश करें ताकि सही से पता लगाया जा सके कि वे उस जॉब के लिए क्वालीफाइड हैं या नहीं। एच -1बी वीजा की जांच के लिए लाए गए कानून लगभग दो दशकों से मौजूद हैं।
 
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वर्तमान प्रशासन के अधिकारियों का सुझाव है कि उन कानूनों को वर्षों से ढील दी गई है और खराब तरीके से लागू किया गया है और इसी के चलते याचिकाकर्ताओं ने बड़े पैमाने पर वीजा का दुरुपयोग कर उन नौकरियों के लिए के लिए भी इच्छा जताई जिसके वे कबिल नहीं थे। 
 
ऐसे होगा भारतीयों को नुकसान : गौरतलब है कि इस वीजा का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल भारतीय आईटी प्रोफेशनल द्वारा किया जाता है। अगर ट्रंप प्रशासन ने इस मामले में कोई सख्ती दिखाई तो इससे भारतीय आईटी सेक्टर को काफी नुकसान हो सकता है। भारतीय आईटी प्रोफेशल्स आमतौर पर 85,000 एच -1बी वीजा का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा लेते हैं।
 
सोमवार को यूएस के पोस्टल श्रमिकों को ज़िप कोड देने वाले यूएससीआईएस कार्यालय जो कि एच -1बी वीजा की याचिकाओं को स्वीकार करता है, के ऑफिस में याचिकाकर्ताओं की अच्छी खासी भीड़ थी। इनमें से अधिकतर आईटी सेक्टर के याचिकाकर्ता थे। गौरलतब है कि एच -1बी वीजा विदेशी नागरिकों को अमेरिकी में जॉब करने की अनुमति देता है।
 
इस प्रकार के वीजा को ग्रहण करने में भारतीयों की संख्या अच्छी खासी है। गौरतलब है कि अमेरिकी पिछले काफी समय से एच -1बी वीजा में सुधार के संकेत देता आ रहा है। अब जब अमेरिका ने माना है कि एच -1बी वीजा के दुरुपयोग के कई मामले सामने आ रहे हैं तो वह एच -1बी वीजा में सुधार के कदम जल्द ही उठा सकता है। व्हाइट हाउस की तरफ से दिए गए एक बयान में कहा गया है कि वह एच -1बी वीजा का दुरुपयोग किसी भी हालत में नहीं होने देगा ट्रंप प्रशासन इसके लिए जल्द से जल्द कानून बनाने जा रहा है।
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