विदेश मंत्री ने कहा कि जिसने भी अतिवादी विचारधारा के बीज बोए हैं उसे ही उसका कड़वा फल मिला है। आज आतंकवाद ने एक राक्षस का रूप धारण कर लिया है, जिसके अनगिनत हाथ हैं, अनगिनत पांव और अनगिनत दिमाग और साथ में अति आधुनिक तकनीक। इसलिए अब अपना या पराया, मेरा या दूसरे का, आतंकवादी कहकर हम इस जंग को नहीं जीत पाएंगे। पता नहीं यह दैत्य किस समय किस तरफ का रुख कर ले। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में इच्छाशक्ति की कमी बताते हुए कहा कि यदि सब एकजुट हो जाएं तो यह काम हो सकता है। (वार्ता)