United Nations report on HIV : एड्स कार्यक्रमों के लिए अमेरिका के नेतृत्व में वर्षों से किए जा रहे वित्तपोषण के कारण इस रोग से मरने वाले लोगों की संख्या लगभग 3 दशकों में सबसे कम स्तर पर आ गई तथा विश्व के सबसे संवेदनशील लोगों को जीवनरक्षक दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि इस धनराशि का फिर से प्रबंध नहीं किया गया तो 2029 तक एड्स से संबंधित 40 लाख से अधिक लोगों की मौत होने की आशंका है और 60 लाख से अधिक एचआईवी संक्रमण के मामले सामने आ सकते हैं।
लेकिन पिछले 6 महीनों में अमेरिका द्वारा एचआईवी/एड्स से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर चलाए जा रहे कार्यक्रमों के लिए दी जाने वाली वित्तीय सहायता को अचानक रोके जाने से प्रणालीगत झटका लगा है। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि इस धनराशि का फिर से प्रबंध नहीं किया गया तो 2029 तक एड्स से संबंधित 40 लाख से अधिक लोगों की मौत होने की आशंका है और 60 लाख से अधिक एचआईवी संक्रमण के मामले सामने आ सकते हैं।
यूएनएड्स की बृहस्पतिवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त पोषण में हुए नुकसान के कारण कई स्वास्थ्य केंद्र बंद हो गए हैं, हजारों स्वास्थ्य क्लीनिक में कर्मचारियों की कमी हो गई है और एड्स से निपटने के प्रयासों को झटका लगा है। यूएनएड्स ने यह भी कहा कि उसे डर है कि अन्य प्रमुख दानदाता भी अपना सहयोग कम कर सकते हैं, जिससे दुनियाभर में एड्स के विरुद्ध दशकों से हो रही प्रगति पर पानी फिर सकता है और युद्धों, भू-राजनीतिक बदलावों और जलवायु परिवर्तन के कारण मजबूत बहुपक्षीय सहयोग खतरे में पड़ सकता है।
एड्स राहत के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति की आपातकालीन योजना या पीईपीएफएआर, 2003 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश द्वारा शुरू की गई थी। यूएनएड्स ने इस कार्यक्रम को उच्च एचआईवी दर वाले देशों के लिए एक जीवन रेखा बताया।
एक अंतरराष्ट्रीय, स्वतंत्र चिकित्सा मानवीय संगठन डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के टॉम एलमैन ने कहा कि हालांकि कुछ गरीब देश अब अपने एचआईवी कार्यक्रमों के लिए अधिक धन जुटाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन अमेरिका द्वारा छोड़े गए अंतर को भरना असंभव होगा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour