वॉशिंगटन। अमेरिका की वीजा एजेंसियों ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एच-1बी वीजा सहित अन्य वीजी आवेदनों को नोटिस दिए बिना सीधे नकार देने वाली 2018 की कड़ी नीतियों को खारिज करते हुए इसमें महत्वपूर्ण सुधार किया है, जिससे आवेदनकर्ताओं को अनजाने में हुई चूक को सुधारने और वैध आव्रजन के रास्ते की रुकावटें दूर होंगी।
एजेंसियों ने एच1 बी वीजा के अलावा एल1, एच-2बी, जे-1, जे-2, आई,एफ और ओ वीजा जैसी अन्य अप्रवास वीजा नीतियों में भी बदलाव किया है जिसे ट्रंप प्रशासन ने कड़ा कर दिया था। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईएस) ने बुधवार को एक बयान में कहा कि वह अप्रवासी वीजा आवेदनों की शीघ्र प्रक्रिया के लिए अपनी नीतियों में बदलाव कर रही है।
उसने कहा कि प्रमाण के लिए अनुरोध (आरएफई), आवेदन अस्वीकार करने के कारण का नोटिस (एनओआईडी) और रोजगार प्राधिकरण दस्तावेजों (ईएडी) के लिए वैधता अवधि में भी सुधार किया गया है। इसकी अवधि अब बढ़ा दी गई है।
यूएससीआईएस ने एनओआईडी और आरएफई नीति में भी बदलाव किया है। इन नीतियों के जरिए आव्रजन अधिकारी पहले बिना किसी नोटिस के अप्रवासी वीजा आवेदन अस्वीकार कर देते थे। अब हालांकि वे ऐसा नहीं कर सकेंगे।
तत्कालीन ट्रंप सरकार ने दरअसल वर्ष 2018 में एच1 बी वीजा नीतियों को कड़ा कर दिया था। ट्रंप प्रशासन ने एच1बी वीजा के आवेदनों को अस्वीकार करने के लिए आव्रजन अधिकारियों को अधिक शक्ति दे दी थी। इन शक्तियों के तहत अधिकारी बिना कोई कारण या नोटिस जारी करे आवेदनकर्ताओं के आवेदन को अस्वीकार कर सकते थे।
यूएससीआईएस की निदेशक ट्रेसी रेनॉड ने कहा, ये नीतिगत उपाय हमारे देश की कानूनी आव्रजन प्रणाली के लिए अनावश्यक बाधाओं को खत्म करने के लिए राष्ट्रपति बिडेन और उपराष्ट्रपति हैरिस सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप हैं। इन नीतियों से आव्रजन लाभ के लिए योग्य गैर नागरिकों पर से बोझ कम होगा।
यूएससीआईएस की तरफ से नीतियों में किए गए बदलाव से आवेदनकर्ताओं की अनजाने में हुई चूक को सुधारने का अवसर सुनिश्चित किया जा सकेगा। मौटे तौर पर नीतियों में बदलाव से अप्रवासी अधिकारी अब आवेदनकर्ताओं को आरएफई और एनओआईडी के तहत आवेदन अस्वीकार करने की बजाय अतिरिक्त जानकारी या स्पष्टीकरण के लिए कह सकेंगे।
गौरतलब है कि एच1भी वीजा प्रक्रिया भारतीय प्रद्योगिकी कंपनियों और पेशेवरों में काफी चर्चित है। यह एक गैर-आप्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को तकनीकी विशेषज्ञता जैसे व्यवसायों में विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति देता है।(भाषा)