पलाडिनो ने कहा, दोनों देशों के मंत्रियों के बीच रूस को मध्यम दूरी परमाणु शक्ति संधि (आईएनएफ) का पूरी तरह से अनुपालन के लिए सहमत कराने की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों पर भी बातचीत हुई। दोनों मंत्रियों ने विशेष द्विपक्षीय संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि अमेरिका तथा ब्रिटेन के बीच अद्वितीय सहयोग रहा है और इसके परिणाम भी बेहद अच्छे आए हैं।
अमेरिका और पोलैंड खास कर ईरान को और अलग-थलग करने के मुद्दों को लेकर अगले माह वारसा में मंत्री स्तरीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं। अमेरिकी मीडिया में यूरोपीय राजनयिकों के हवाले से आई खबर के अनुसार ब्रिटेन ने इस सम्मेलन में अपने विदेश मंत्री अथवा किसी प्रतिनिधि को भेजने के बारे में कोई फैसला नहीं लिया है। ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने गत नवंबर को ईरान के खिलाफ दोबारा प्रतिबंध लगाने के अमेरिकी फैसले पर असंतोष व्यक्त किया था।
हंट ने उसके बाद गत नवंबर में ही ईरान का दौरा भी किया था और इस तरह वह ईरान के साथ परमाणु संधि से अमेरिका के अलग होने के वाद तेहरान की यात्रा करने वाले पश्चिम देशों के पहले विदेश मंत्री बन गए। उल्लेखनीय है कि ईरान के मुद्दे को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन के बीच समय-समय पर बातचीत होती रही है लेकिन दोनों के बीच फिलहाल कोई सहमति नहीं बन पाई है।