बीजिंग। अमेरिका ने चीन से अपने यहां आयात किए जाने वाले और 200 अरब डॉलर के माल पर आयात पर ऊंचा शुल्क लगाने की घोषणा की हैं और इस पर चीन ने भी कहा है कि वह जवाबी कार्रवाई करेगा।
इस घटना क्रम से विश्व की इन दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध और गहराने का खतरा पैदा हो गया है। अमेरिका ने इससे पहले दो बार में कुल मिला कर 50 अरब डॉलर की चीनी वस्तुओं पर शुल्क बढ़ा चुका है और चीन ने भी उसके जवाब में चुनिंदा अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क बढाया है।
चीन ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन के ताजा कदम से दोनों देशों के बीच आगे की बातचीत को लेकर नई अनिश्चितता पैदा हुईं हैं। अमेरिका और चीन दुनिया की पहले और दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज तीसरे दौर की पहल करते हुए चीन के और 200 अरब डालर के आयात पर 10 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है। इस साल के अंत तक यह शुल्क बढ़कर 25 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
अमेरिका ने चीन पर व्यापार में अनुचित व्यवहार की नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि चीन इन नीतियों को बदलने का इच्छुक नहीं दिखता। अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि चीन के माल पर लागू किए गए नए शुल्क अमेरिकी कंपनियों को उचित और संतुलित समाधान उपलब्ध होगा।
अमेरिका के इस कदम के जवाब में चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि वह नए शुल्क के खिलाफ उसी तरह के उपाय करने को मजबूर है। एक वक्तव्य में वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा घोषित शुल्क से दोनों पक्षों के बीच होने वाली बातचीत में नई अनिश्चितता पैदा हो गई है।
केवल यही नही ट्रंप ने चीन को चेतावनी भी दी है कि यदि उसने नये कदम के खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई की तो अमेरिका चीन के और 267 अरब डालर के आयात पर शुल्क लगा देगा। इसके साथ ही चीन से होने वाले करीब करीब सभी तरह के आयात पर अमेरिका में शुल्क लग जाएगा। चीन से अमेरिका को करीब 522.9 अरब डालर का निर्यात होता है।
राष्ट्रपति ट्रंप चीन पर अमेरिका के साथ उसके व्यापार में व्यापार घाटे को कम करने के लिए दबाव बनाए हुए हैं। वर्ष 2017 में अमेरिका का चीन के साथ द्विपक्षीय व्यापार में 335.4 अरब डालर का घाटा रहा है।
पिछले महीने ही दोनों पक्षों ने व्यापार बातचीत शुरू की थी लेकिन यह निचले स्तर पर हुई थी। चीन के वाणिज्य उप-मंत्री वांग शुवेन ने वाशिंगटन में बातचीत की थी लेकिन इसका कोई परिणाम नहीं निकला। (भाषा)