ट्रंप ने 4 महिला सांसदों को बताया नस्लवादी, डेमोक्रेट सांसद नाराज
मंगलवार, 16 जुलाई 2019 (19:37 IST)
वाशिंगटन। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में बहुमत का आंकड़ा रखने वाली डेमोक्रेटिक पार्टी ने एक प्रस्ताव पेश कर पार्टी की चार अश्वेत महिला सांसदों को नस्लवादी बताने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट की आलोचना की है।
विपक्षी नेताओं और राष्ट्रपति के बीच इस मुद्दे पर लगातार विवाद हो रहा है। बीते कुछ दिनों से यह मुद्दा देश में छाया हुआ है। ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी की चार महिला सांसदों के खिलाफ कई ट्वीट किए थे।
दिन के आखिर में डेमोक्रेट सांसदों ने प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पेश किया और इन नस्लवादी टिप्पणियों की निंदा की। टॉम मैलिनोस्की द्वारा पेश इस प्रस्ताव पर मंगलवार को मत विभाजन हो सकता है।
प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने सोमवार को कहा कि रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं को डेमोक्रेटिक नेताओं के साथ मिलकर राष्ट्रपति के ट्वीट की निंदा करनी चाहिए और इस प्रस्ताव का समर्थन करना चाहिए।
ट्रंप ने इन महिला सांसदों के खिलाफ लिखा, 'डेमोक्रेट सदस्य इन 4 प्रगतिवादियों से खुद को दूर रखने की कोशिश कर रहे थे लेकिन अब वे उन्हें गले लगा रहे हैं। इसका मतलब ये है कि वे समाजवाद का समर्थन कर रहे हैं, इजराइल और अमेरिका से नफरत कर रहे हैं! डेमोक्रेट के लिये यह अच्छा नहीं है।'
ट्रंप के निशाने पर आईं कांग्रेस सांसद एलेक्जेंड्रिया ओकासियो कॉर्टेज, इल्हान उमर, राशिदा तलाइब और अयाना प्रेस्ली ने कैपिटल में संवाददाता सम्मेलन कर राष्ट्रपति के इस ट्वीट की आलोचना की। अपने ट्वीट में ट्रंप ने उन्हें साफ तौर पर देश छोड़कर चले जाने की सलाह दी थी।
उमर ने कहा, 'यह हैं राष्ट्रपति जिन्होंने हमारे इतिहास में सबसे अधिक भ्रष्ट प्रशासन दिया है।' उमर का जन्म सोमालिया में हुआ था और वह बचपन में अमेरिका आ गई थीं।
उन्होंने कहा कि इससे ध्यान भटकाने के लिए वह अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए हाल में चुनकर आईं 4 सदस्यों पर नस्लवादी बयान दे रहे हैं, जो अश्वेत हैं।
उन्होंने कहा कि यह है श्वेत राष्ट्रवादियों का एजेंडा। चाहे यह चैट रूम में हो या राष्ट्रीय टीवी पर हो रहा हो और अब यह व्हाइट हाउस तक पहुंच गया है।
ट्रंप ने इन चार महिला सांसदों पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्हें अपने देश वापस लौट जाना चाहिए, जहां से वे आयी हैं। उन्हें पूरी तरह से तबाह हो चुके और अपराध से ग्रस्त उन देशों की समस्याओं का समाधान करना चाहिए।