हालांकि अंतिम परिणाम आना शेष है, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि इस बार राष्ट्रपति पद पर जो बिडेन बैठने जा रहे हैं और उनकी डिप्टी होंगी कमला हैरिस। सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि डेमोक्रेट्स की जीत का भारत पर क्या असर होगा? यह स्वाभाविक भी है। यदि पिछले घटनाक्रमों पर नजर डालें तो उन संकेतों को आसानी से समझा भी जा सकता है।
वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) की मुलकातों के दृश्य भारत के सभी लोगों को याद हैं। दोनों ही नेता बहुत ही गर्मजोशी से मिलते थे, एक दूसरे को 'दोस्त' भी कहते थे। चीन और पाकिस्तान के संदर्भ में ही बात करें तो ट्रंप का झुकाव भारत की ओर अधिक था। 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में ट्रंप की मौजूदगी भी इसी ओर इशारा करती थी। लेकिन, क्या यही गर्मजोशी बिडेन के साथ भी देखने को मिलेगी?
दरअसल, यह सवाल इसलिए भी उठ रहा है क्योंकि बिडेन और हैरिस कई मौकों पर ऐसे बयान दे चुके हैं जो भारत सरकार के रुख के ठीक उलट हैं। चाहे वह कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने का हो या फिर सीएए-एनसीआर का। इन मामलों में डेमोक्रेट्स का रुख भारत सरकार के ठीक उलट था। ऐसे में जानकारों का मानना है कि रिश्तों में पहले जैसी गर्माहट न रहे।
बिडेन ने सीएए और एनसीआर के समय कहा था कि ये दोनों ही भारत की धर्मनिरपेक्ष परंपरा से मेल नहीं खाते। वे कई बार पाकिस्तान की तरफदारी भी कर चुके हैं, जबकि ट्रंप का रुख इसके ठीक उलट था। माना जाता है कि पाकिस्तान को सैन्य सहायता दिलाने में भी बिडेन की अहम भूमिका रही है।