इस मामले में सऊदी अरब का कहना है कि अगर परमाणु रिएक्टरों के निर्माण में उसे अमेरिकी सहायता नहीं मिली तो वह अन्य अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से मदद ले सकता है और इस दिशा में वह रूसी, चीनी, दक्षिण कोरियाई तथा अन्य देशों की कंपनियों से बातचीत कर रहा है। (भाषा)