टोनर दरअसल एनएसजी की सदस्यता के लिए भारत के आवेदन और इस पर पाकिस्तान द्वारा जताए जा रहे विरोध से जुड़े सवालों के जवाब दे रहे थे। पाकिस्तान इस आधार पर विरोध कर रहा है कि भारत को इस समूह की सदस्यता मिलने से क्षेत्र में परमाणु हथियारों की दौड़ को गति मिलेगी। हालांकि अमेरिका 48 देशों वाले एनएसजी की अहम बैठक से पहले सब कुछ अच्छा होने की कामना कर रहा है।
टोनर ने कहा कि देखिए, मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि राष्ट्रपति बराक ओबामा की वर्ष 2015 में हुई भारत यात्रा के दौरान उन्होंने इस बात की पुष्टि की थी कि अमेरिका मानता है कि भारत मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था की अनिवार्यताओं को पूरा करता है और सदस्यता के लिए तैयार है, लेकिन यह एक सर्वसम्मति वाली संस्था है इसलिए हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि मत किस ओर जाते हैं।
टोनर ने कहा कि यह कोई विशेष बैठक नहीं है। मेरा मानना है कि इसे प्रमुख तौर पर इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नहीं बुलाया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने अपनी दिलचस्पी को सार्वजनिक कर दिया है और निश्चित तौर पर कोई भी देश सदस्यता के लिए आवेदन कर सकता है। हम सर्वसम्मति से लिए फैसले के आधार पर गौर करेंगे। (भाषा)