इस बीच एक दिन उन्हें माइग्रेन का दर्द शुरू हुआ और उन्होंने इसके लिए दवाई लेने के लिए हाथ बढ़ाया। जब उन्होंने पैकेट पर देखा तो यह माइग्रेन की दवाई की बजाय वियाग्रा थी। यह देखते ही उनके होश उड़ गए। एलीन के अनुसार वह तो उन्होंने समय रहते दवाई का नाम पढ़ लिया पर अगर उनकी जगह कोई और होता और दवाई का नाम ना पढ़ता तो वियाग्रा की गोलियां जानलेवा साबित हो सकती थीं।