ब्रिटेन के सिल्वरस्टोन स्थित लेकिन भारतीय लाइसेंस वाली फोर्स इंडिया टीम इससे पहले भी कई बदलाव झेल चुकी है। वर्ष 1991 में उसकी शुरुआत जॉर्डन के रूप में हुई और फिर 2006 में वह मिडलैंड बन गई। इसके 1 वर्ष बाद टीम 2007 में स्पाइकर के रूप में जानी गई और 2008 में माल्या इसके सह मालिक बन गए और टीम फोर्स इंडिया बन गई।
भारत में लगभग 9,000 करोड़ रुपए के बैंकों के कर्ज में डूबे और इस कारण देश छोड़कर लंदन में रह रहे माल्या का मानना है कि अब फोर्स इंडिया के लिए संभावित प्रायोजकों को तलाशने की जरूरत है तथा हमारी टीम अब पहले से काफी बेहतर हो गई और कई अंतरराष्ट्रीय प्रायोजक उससे जुड़े हैं, लेकिन दुख की बात है कि इसके भारतीय प्रायोजक काफी कम हैं।